By रेनू तिवारी | Jun 15, 2020
पटना। बॉलीवुड के एक उगते हुए सितारे ने अचानक अपने आप को पलभर में मिटा लिया। दुनिया को जिंदगी से कभी न हारने की उम्मीद देकर वो खुद कैसे न उम्मीद हो गया। कहते हैं बुरा वक्त सबका आता हैं... अरे वक्त तो होता ही है बदलने के लिए, बिना परिवर्तन के कोई जिंदगी, जिंदगी नहीं होती। जिंदगी हमें लड़ना सिखाती हैं, टूटना सिखाती है, बिखरना सिखाती हैं और फिर बिखरने के बाद जुड़कर उठना भी सिखाती हैें.... लेकिन सुशांत तुमने ऐसा आखिर क्यों किया। ये सवाल हर उस इंसान को झकझौर रहा हैं जो सुशांत से प्यार करता था। सुशांत सिंह राजपूत एक जिंदादिल इंसान थे जिसकी आंखों में एक साल पहले तक हजारों सपने थे। आखिर एक साल के अंदर ऐसा क्या हो गया कि सुशांत सिंह इतना बदल गये?
सुशांत की सुसाइड के बाद पुलिस ने बताया कि सुशांत पिछले 6 महीने से डिप्रेशन में थे। वह डिप्रेशन की दवाइया खा रहे थे। पुलिस को सुशांत के कमरे से दवाइयां और कुछ पेपर्स मिले हैं। जिसके बाद पता चला कि सुशांत सिंह राजपूत की दवाई चल रही थी। पुलिस जांच में पता चला हैं कि सुशांत सिंह ने पिछले 5-6 दिनों से दवाई खानी बंद कर दी थी। उन्होंने अपनी बहन से बताया भी था कि उन्हें कुछ दिनों से ठीक नहीं लग रहा हैं।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का सोमवार को यहां पवन हंस श्मशान घाट में परिवार के सदस्यों और फिल्म तथा टेलीविजन उद्योग के उनके करीबी दोस्तों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का परिवार उनका अंतिम संस्कार उनके गृहराज्य में करना चाहता था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उनका पार्थिव शरीर बिहार लाना संभव नहीं था। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई एवं भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू ने सोमवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा हम यहां अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर यह संभव नहीं है। इसलिए मुंबई में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। हमलोग वहां के लिए निकल रहे हैं।’’
उन्होंने सुशांत के बारे में कहा दो-तीन महीने पहले बातचीत हुई थी। लगभग एक साल पहले आया था। पटना, सहरसा और गांव भी ले गए थे। हम लोग कभी सोच भी नहीं सकते थे कि ये दिन देखना पडेगा। इतना होनहार और हिम्मत वाला और उसके साथ ऐसी घटना हो जाए। हम लोग इतने मर्माहत हैं कि कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं। राज्य और देश का इतना बडा नुकसान हुआ है कि इसकी भरपायी नहीं हो सकेगी।’’ उन्होंने कहा,‘‘उसमें हौसले में कोई कमी नहीं थी कि जो इसतरह का कदम उठाए। पर ऐसा हुआ क्यों, यह भी जांच का विषय है। कोई आर्थिक समस्या नहीं थी।’’
सुशांत के साथ घटना को एक साजिश बताए जाने के बारे में नीरज ने कहा ‘‘मुंबई को मायानगरी भी कहा जाता है। हमलोग भी इससे पूरी तरह इंकार नहीं करते हैं। वहां जाने पर ही सच्चाई का पता चलेगा क्योंकि इतना हौसला वाला लड़का था जो दूसरे को हिम्मत देता था।’’ उन्होंने कहा उसकी आखिरी फिल्म ‘छिछोरे’ अवसाद पर आधारित थी कि कोई अवसाद के कारण आत्महत्या न करे। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि वह ऐसा कर सकता था।’’
सुशांत के साथ बिताए किसी महत्वपूर्ण क्षण के बारे में पूछे जाने पर भावुक होकर नीरज ने कहा बहुत सारे ऐसे क्षण हैं। बचपन में साथ... मेरी शादी में उछलकूद मचाए हुए था।’’ उन्होंने कहा हम इस साल के अंत में उसकी शादी करने की योजना बना रहे थे।’’ नीरज, सुशांत के पिता के के सिंह और परिवार के तीन अन्य सदस्यों के साथ मुंबई के लिए रवाना हुए। अभिनेता सुशांत पाँच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनकी चार बड़ी बहनों में से एक जो कि अमेरिका में हैं, संभवत: अंतिम संस्कार में शामिल होने में सक्षम नहीं हो पाएंगी।