10 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला रखा सुरक्षित

By अभिनय आकाश | Sep 22, 2022

सुप्रीम कोर्ट में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा। सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम अपीलकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने आज दलील देते हुए कहा कि जो लोग आस्तिक हैं उनके लिए हिजाब आवश्यक है। जो आस्तिक नहीं हैं उनके लिए यह आवश्यक नहीं है।

इसे भी पढ़ें: एक देश दो विधान: वक्फ एक्ट की तरह मठ और मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त क्यों नही? क्या है हिन्दू धर्म दान एक्ट 1951 जिसे खत्म करने की उठी मांग

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को कर्नाटक सरकार के एक आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें राज्य के सरकारी कॉलेजों को कॉलेज परिसर में मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत किया गया था। इससे पहले, कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाले मुस्लिम अपीलकर्ताओं ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्कूलों में परिधान पहनने के खिलाफ "निर्देश" अल्पसंख्यक समुदायों को हाशिए पर रखने के "पैटर्न" का हिस्सा है।

इसे भी पढ़ें: साड़ी से सिर ढकने की तरह हिजाब भी गरिमा का प्रतीक, SC में हिजाब पर हुई जबरदस्त जिरह

बता दें कि हिजाब मामले में 10 दिनों तक जिरह चली। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग के नवदगी और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने राज्य की ओर से तर्क दिया। जबकि वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और सलमान खुर्शीद ने मुस्लिम याचिकर्ताओं के विचार प्रस्तुत किए। 

प्रमुख खबरें

Germany के क्रिसमस बाजार में हुए जानलेवा हमले में एक बच्चे समेत पांच लोगों की मौत, Elon Musk ने की घटना की निंदा

Delhi Police का खुलासा, छात्रों को नहीं देनी थी परीक्षा, तो स्कूल को बम से उड़ाने की फर्जी धमकी दे डाली

Sambhal से आई बड़ी खबर, जमीन के नीचे मिली ऐतिहासिक विरासत रानी की बावड़ी, मिट्टी में थी दफन

भारत दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं दे सकता: जयशंकर