By अंकित सिंह | Jul 19, 2022
'अग्निपथ' योजना को लेकर विभिन्न याचिकाओं के आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए सभी याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 'अग्निपथ' योजना को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को इन मामलों को दिल्ली HC को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की एक पीठ ने केरल, पंजाब एवं हरियाणा, पटना और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में भी इस योजना के खिलाफ दायर की गईं सभी जनहित याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने या उस समय तक इन पर फैसला निलंबित रखने को कहा जब तक दिल्ली उच्च न्यायालय इसपर निर्णय नहीं कर लेता।
पीठ ने कहा कि इन चार उच्च न्यायालयों के समक्ष याचिकाएं दायर करने वाले याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में पक्षकार बनने का विकल्प चुन सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इसलिए याचिकाएं स्थानांतरित कर रहा है, क्योंकि यह उचित होगा यदि उसे इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय की राय का लाभ मिल पाए। वहीं, दिल्ली HC ने आज बुधवार के लिए इसी तरह की अन्य याचिकाओं के एक बैच के साथ रक्षा कर्मियों की भर्ती से संबंधित एक याचिका सूचीबद्ध की। याचिकाकर्ता ने अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद रद्द की गई भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश देने की मांग की है।
दूसरी ओर दिल्ली उच्च न्यायालय ने इससे पहले कहा था कि कि वह सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर 20 जुलाई को सुनवाई करेगा। गत 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े 17 से 21 वर्ष तक की आयु के युवाओं के लिए रक्षा बलों में केवल चार साल के लिए भर्ती होने का प्रावधान है, जिनमें से 25 प्रतिशत को अतिरिक्त 15 साल के लिए बनाए रखने का प्रावधान है। इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।