By कमलेश पांडेय | Mar 21, 2020
सुकन्या समृद्धि योजना क्या है और कैसे इसका लाभ लिया जा सकता है, यह जानना, समझना आज हर बेटी के पिता के लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि भारत में गिरता लिंगानुपात समाज के हर वर्ग के लिए चिंता का सबब बन चुका है। यही वजह है कि महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी कड़ी में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की है। जिसका उद्देश्य बेटियों की पढ़ाई और उनकी शादी पर आने वाले खर्च को आसानी से पूरा करना है। इस योजना के अंतर्गत बेटी की पढ़ाई व शादी के लिए डाक विभाग के पास ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ का अकाउंट खुलवाया जा सकता है। उसके लिए किसी भी पोस्ट ऑफिस के साथ अकाउंट खोलने के लिए सुविधा सेंटर में भी एक अलग काउंटर खुलेगा, जहां पर कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा कराने के बाद इस प्रकार का अकाउंट खुलवाया जा सकेगा।
वास्तव में, सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट में बेटी के नाम से एक साल में 1 हजार से लेकर 1 लाख पचास हजार रुपए जमा कर सकता है। जो पैसा अकाउंट खुलने के 14 साल तक ही जमा करवाना होगा और यह खाता बेटी के 21 साल की होने पर ही परिपक्व (मैच्योर) होगा। इस योजना के नियमों के अंतर्गत बेटी के 18 साल के होने पर सम्बन्धित लोग आधा पैसा निकलवा सकते हैं। वहीं, 21 साल के बाद खाता बंद हो जाएगा और पैसा पालक को मिल जाएगा। यदि बेटी की 18 से 21 साल के बीच शादी हो जाती है तो यह अकांउट उसी वक्त बंद हो जाएगा। जबकि, अकाउंट में यदि कोई पेमेंट लेट हुई तो सिर्फ 50 रुपए की पैनाल्टी लगाई जाएगी।
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बताते चलें कि पोस्ट ऑफिस के अलावा कई सरकारी व निजी बैंक भी इस योजना के तहत खाता खोल रही हैं, जिन पर आयकर कानून की धारा 80-जी के तहत छूट दी जाएगी। वहीं, पालक अपनी दो बेटियों के लिए दो अकाउंट भी खोल सकते हैं। जबकि जुड़वां होने पर उसका प्रूफ देकर ही पालक तीसरा खाता खोल सकेंगे। इसके अलावा, पालक अपने खाते को कहीं भी ट्रांसफर करा सकेंगे। एक अनुमान के मुताबिक, इस योजना के अंतर्गत 2015 में कोई भी व्यक्ति 1,000 रुपए महीने से अकाउंट खोलता है तो उसे 14 साल तक यानी 2028 तक हर साल 12 हजार रुपए डालने होंगे। मौजूदा हिसाब से उसे हर साल 8.6 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा। और जब बच्ची 21 साल की होगी तो उसे 6,07,128 रुपए मिलेंगे।
गौर करने वाली बात यह है कि 14 सालों में पालक को अकाउंट में कुल 1.68 लाख रुपए ही जमा करने पड़े। जबकि बाकी के 4,39,128 रुपए ब्याज के हैं। इस योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज के रूप में बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र, एड्रेस प्रूफ और आईडी प्रूफ की आवश्यकता पड़ती है। आपके लिए यह भी जानना बेहद जरूरी है कि सुकन्या समृद्धि योजना का फार्म ऑनलाइन भी उपलब्ध है, जिसे क्लिक करके फार्म डाउनलोड किया जा सकता है। दरअसल, सुकन्या समृद्धि योजना मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी एक छोटी बचत स्कीम है, जिसे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत शुरू किया गया था। यह स्कीम बेटियों की शिक्षा और उनके शादी-ब्याह के लिए रकम जुटाने में मदद करती है। अभी इस स्कीम के तहत 8.1 फीसदी ब्याज मिलता है। वहीं, इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने पर टैक्स छूट भी मिलती है। यानी कि सालाना 1.5 लाख रुपये के निवेश पर आप टैक्स छूट का फायदा भी उठा सकते हैं। वहीं, सुकन्या समृद्धि स्कीम से मिलने वाला रिटर्न भी टैक्स फ्री है। मतलब यह कि आगामी 31 मार्च तक सुकन्या समृद्धि स्कीम में निवेश करने पर आप करंट वित्त वर्ष के लिए टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
बता दें कि बेटी की उम्र 10 साल होने से पहले कभी भी सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि खाता 250 रुपये से खुल जाता है। हालांकि, पहले इसके लिए 1,000 रुपये जमा करने पड़ते थे। दरअसल, किसी भी वित्त वर्ष में सुकन्या समृद्धि खाता में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं। वहीं, सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंक की शाखा में खुलवाया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि खाता खुलने के 21 साल तक इसे चालू रखा जा सकता है। वहीं, माता-पिता चाहें तो 18 साल की उम्र में बेटी की शादी होने तक इसे चला सकते हैं। बेटी के 18 साल का हो जाने पर उसकी उच्च शिक्षा के लिए सुकन्या समृद्धि खाते से 50 फीसदी तक रकम निकाली जा सकती है।
सवाल है कि सुकन्या समृद्धि खाता खोलने के नियम क्या हैं ? तो जवाब होगा कि सुकन्या समृद्धि खाता बेटी के माता-पिता या कानूनी अभिभावक उसके नाम से खुलवा सकते हैं। इसे बेटी के जन्म से उसके 10 साल का होने तक ही खुलवाया जा सकता है। नियमों के मुताबिक, एक बच्ची के लिए एक ही सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है और उसमें पैसा जमा किया जा सकता है। आशय यह कि एक बच्ची के लिए दो खाते नहीं खोले जा सकते हैं। वहीं, सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाते समय बेटी का बर्थ सर्टिफिकेट पोस्ट ऑफिस या बैंक में देना जरूरी है। जिसके साथ ही बेटी और अभिभावक के पहचान और पते का प्रमाण भी देना पड़ता है।
जहां तक सुकन्या समृद्धि खाता में जमा की जाने वाली रकम की सीमा का सवाल है तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार कितनी रकम इस खाते में कोई भी जमा कर सकते हैं ? दरअसल, सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाने के लिए सिर्फ 250 रुपये काफी हैं और बाद में 100 रुपये के गुणक (मल्टीपल) में पैसे जमा कराए जा सकते हैं। किसी एक वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपये जरूर जमा करने पड़ते हैं। इसी तरह एक बार या कई बार में अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही सुकन्या समृद्धि खाते में जमा कराए जा सकते हैं। वहीं, सुकन्या समृद्धि खाता खुलने के दिन से 15 साल तक पैसे जमा कर सकते हैं। जबकि, 9 साल की बेटी के मामले में उसके 24 साल का हो जाने तक पैसे जमा कराए जा सकते हैं। बेटी के 24 से 30 साल के होने तक सुकन्या समृद्धि खाते में जमा रकम पर ब्याज मिलता रहता है। वैसे तो सुकन्या समृद्धि खाते में न्यूनतम रकम जमा न होने पर वह अनियमित हो जाता है, जिसे 50 रुपये सालाना की पेनाल्टी देकर नियमित कराया जा सकता है। इसके साथ ही हर साल के लिए कम से कम जमा कराई जाने वाली रकम भी खाते में डालनी पड़ेगी। अन्यथा, पेनाल्टी न चुकाने पर सुकन्या समृद्धि खाते में जमा रकम पर पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट के बराबर ब्याज मिलेगा। यह अभी करीब 4 फीसदी है। यदि सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज ज्यादा चुका दिया गया है तो उसे रिवाइज भी किया जा सकता है।
सवाल है कि सुकन्या समृद्धि खाते में कैसे जमा होती है रकम ? तो जवाब होगा कि सुकन्या समृद्धि खाते में कैश, चेक, डिमांड ड्राफ्ट या ऐसे किसी इंस्ट्रूमेंट से रकम जमा कर सकते हैं जिसे बैंक स्वीकार करता हो। इसके लिए पैसे जमा करने वाले और खाताधारक का नाम लिखना जरूरी है। सुकन्या समृद्धि खाते में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर मोड से भी पैसे जमा कर सकते हैं। शर्त यह है कि उस पोस्ट ऑफिस या बैंक में कोर बैंकिंग सिस्टम मौजूद हो। यदि सुकन्या समृद्धि खाते में चेक या ड्राफ्ट से पैसे जमा किए जाते हैं तो क्लियर होने के बाद से ही उस पर ब्याज दिया जाएगा। जबकि ई-ट्रांसफर के मामले में डिपॉजिट के दिन से ही यह कैलकुलेशन होगा।
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जहां तक ब्याज कैलकुलेशन की बात है तो आपके लिए यह जानना-समझना बेहद जरूरी होता है कि इस योजना के तहत कैसे कैलकुलेट होता है ब्याज? दरअसल, सरकारी बॉन्ड की यील्ड के आधार पर हर तिमाही में सरकार ब्याज दर तय करती है। हालांकि, सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज दर सरकारी बॉन्ड की तुलना में 0.75 फीसदी तक अधिक होता है। इस प्रकार
सुकन्या समृद्धि स्कीम में अब तक दिया गया ब्याज निम्नवत है:-1 अप्रैल, 2014: 9.1%, 1 अप्रैल, 2015: 9.2%, 1 अप्रैल, 2016 -30 जून, 2016: 8.6%, 1 जुलाई, 2016 -30 सितंबर, 2016: 8.6%, 1 अक्टूबर, 2016-31 दिसंबर, 2016 : 8.5%, 1 जुलाई, 2017-31 दिसंबर, 2017 : 8.3%, 1 जनवरी, 2018- 31 मार्च, 2018 : 8.1%, 1 अप्रैल, 2018- 30 जून, 2018 : 8.1%, 1 जुलाई, 2018- 30 सितंबर, 2018 : 8.1%, 1 अक्टूबर, 2018- 31 दिसंबर, 2018 : 8.5%, 1 जनवरी 2019- 31 मार्च, 2019 : 8.5% और 1 अप्रैल 2019 से अब तक: 8.5 प्रतिशत।
स्वाभाविक सवाल है कि आखिर किन परिस्थितियों में समय से पहले ही बंद हो जाता है सुकन्या समृद्धि खाता ? तो जवाब होगा कि खाताधारक की मौत हो जाने पर मृत्यु प्रमाणपत्र दिखाकर सुकन्या समृद्धि खाता बंद कराया जा सकता है। इसके बाद सुकन्या समृद्धि खाते में जमा रकम बेटी के अभिभावक को ब्याज सहित वापस कर दी जाएगी। इसके अलावा, सुकन्या समृद्धि खाता खुलने से पांच साल के बाद भी इसे बंद किया जा सकता है। यह भी खास स्थितियों में ही किया जा सकता है। मसलन किसी जानलेवा बीमारी के मामले में। इसके बाद भी अगर किसी दूसरे कारण से सुकन्या समृद्धि खाता बंद किया जाता है तो इसकी इजाजत है। लेकिन, तब ब्याज सेविंग अकाउंट के हिसाब से ही मिलेगा।
सवाल है कि क्या सुकन्या समृद्धि खाता का ट्रांसफर हो सकता है ? तो जवाब होगा कि हां, यह संभव है। क्योंकि सुकन्या समृद्धि अकाउंट देशभर में कहीं भी ट्रांसफर हो सकता है। सिर्फ शर्त यह है कि जिस बेटी के नाम से सुकन्या समृद्धि खाता खुला है, वह एक जगह से अन्यत्र कहीं और शिफ्ट हो रही है। खास बात यह कि ट्रांसफर में कोई फीस नहीं लगती है। इसके लिए सुकन्या समृद्धि अकाउंट होल्डर या उसके माता-पिता व अभिभावक के शिफ्ट होने का महज सबूत ही दिखाना पड़ता है। यदि इस तरह का कोई सबूत नहीं दिखाया गया तो सुकन्या समृद्धि अकाउंट ट्रांसफर के लिए पोस्ट ऑफिस या बैंक को 100 रुपये की फीस चुकानी पड़ेगी, जहां पर यह खाता खोला गया है।
जहां तक सुकन्या समृद्धि खाते से आंशिक निकासी के नियम की बात है तो यह जानना सभी के लिए जरूरी है कि यह क्या है और कितनी है ? क्योंकि खाताधारक की वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए खाते से आंशिक निकासी की जा सकती है। इनमें उच्च शिक्षा और शादी जैसे काम शामिल हैं। इसमें सुकन्या समृद्धि खाते में पिछले वित्त वर्ष के अंत तक जमा रकम का 50 फीसदी रकम ही निकाला जा सकता है। खाते से यह निकासी तभी संभव है, जब अकाउंट होल्डर 18 साल की उम्र पार कर ले। तब भी सुकन्या समृद्धि अकाउंट से रकम निकालने के लिए एक लिखित आवेदन और किसी शैक्षणिक संस्थान में एडमिशन ऑफर या फीस स्लिप की जरूरत होती है।
सवाल है कि क्या एनआरआई बेटी के नाम से कोई सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया जा सकता है तो जवाब होगा कि इस स्कीम का लाभ सिर्फ भारत में रहने वाली बेटियों को ही मिलता है। आशय स्पष्ट है कि अनिवासी भारतीय सुकन्या समृद्धि खाता नहीं खुलवा सकते हैं। यह बात अलग है कि यदि स्कीम की अवधि के दौरान बेटी की नागरिकता बदलती है तो उसी दिन से सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज मिलना बंद हो जाएगा, जिस दिन से नागरिकता के दर्जे में बदलाव होगा। जहां तक सुकन्या समृद्धि स्कीम में टैक्स बेनिफिट की है तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार इसमें टैक्स बेनिफिट क्या हैं ? सुकन्या समृद्धि स्कीम को एक्जेम्प्ट का दर्जा प्राप्त है। मतलब यह कि सुकन्या समृद्धि योजना में किए जाने वाले निवेश पर टैक्स छूट के साथ ही इससे मिलने वाला रिटर्न भी टैक्स फ्री होता है।
-कमलेश पांडेय
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार हैं)