By एकता | Jul 09, 2024
हम हमारी पहली और आखिरी उम्मीद हैं। हम अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने में इतना व्यस्त रहते हैं कि खुद के साथ अपने रिश्ते को महत्त्व देना भूल जाते हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि दूसरों से पहले हमारा खुद के साथ एक रिश्ता है, जिसका मजबूत होना बेहद जरूरी है। क्योंकि बुरे समय में जब सब साथ छोड़ देते हैं, तब हम ही खुद की आखिरी उम्मीद होते हैं। खुद के साथ हमारा यह मजबूत रिश्ता ही हमें आगे बढ़ने की उम्मीद और हौसला देता है।
इसलिए दूसरों से पहले खुद के साथ के अपने रिश्ते को मजबूत करें। खुद को समय दें, अपने शौक को पूरा करें, आत्म-साक्षात्कार करें, और अपनी भावनाओं को समझें। जब हम खुद को समझने और स्वीकारने लगते हैं, तो हम अंदर से मजबूत होते हैं और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। इस तरह खुद के साथ एक मजबूत रिश्ता बनाना हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। चलो जानते हैं कैसे खुद से एक मजबूत रिश्ता बनाएं और अपनी जिंदगी को और बेहतर बनाएं।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट तालिया कोरेन ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सिंगल हैं या किसी रिलेशनशिप में हैं, खुद के साथ अपने रिश्ते पर काम करना बहुत ज़रूरी है। ऐसा करने से खुद को मिले फायदों के बारे में बताते हुए कोरेन ने लिखा, 'मुझे हर किसी से प्यार की ज़रूरत नहीं है, जो बहुत आज़ादी देता है। मुझे अपने लिए सही फ़ैसले लेने के लिए दोस्तों/परिवार/समाज से अनुमति की ज़रूरत नहीं है। मैं संघर्ष में ज़्यादा सुरक्षित महसूस करती हूँ, क्योंकि मैं खुद ही सुरक्षित आधार हूँ। मैं भावनात्मक प्रसंस्करण के लिए अपने दोस्तों पर कम निर्भर करती हूँ और बहुत कुछ खुद ही कर सकती हूँ (सब नहीं)। मेरा दिमाग़ ज़्यादा सुरक्षित जगह है और मैं खुद के प्रति ज़्यादा दयालु हूँ। मुझे अकेले रहने और अकेले काम करने में कोई आपत्ति नहीं है। मुझे पता है कि मैं चाहे जो भी हो, ठीक रहूँगी। आत्मविश्वास आसानी से आता है।'
खुद की आलोचना करना बंद करें- आप अपने मन में खुद से कैसे बात करते हैं? बहुत से लोग अपने ही प्रति आलोचनात्मक रवैया अपनाते हैं, जो नहीं करना चाहिए। खुद की आलोचना बंद करने का समय आ गया है। आप अपने प्रति थोड़े दयालुयता दिखाएं और दयालु विचारों के साथ सक्रिय रूप से आलोचनाओं का सामना करें।
खुद का आत्म-विश्वास बढ़ाने के लिए कदम उठाएं- आप जितना ज़्यादा खुद पर भरोसा करेंगे, उतना ही भरोसा आपको अपने फैसलों पर होगा। जैसे-जैसे आपको अपने आप और फैसलों पर होता जाएगा असुरक्षा की भावना उतनी ही कम होती जाएगी। खुद का आत्म-विश्वास बढ़ाने के लिए जोखिम उठाने की कोशिश करें। छोटे से शुरू करें और फिर धीरे-धीरे बड़े जोखिम लें। अपने दोस्तों, परिवार आदि की राय या निर्देश के बिना फैसले लेने की कोशिश करें।
अकेले समय बिताएं और कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो- चाहे आप अकेले हों या जोड़े में, कुछ ऐसा करने की कोशिश करें जो आप कुछ समय से अकेले करना चाहते थे। आपको किसी के साथ यात्रा करने या जो भी आप करना चाहते हैं, उसके लिए इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है। अपनी खुद की कंपनी का आनंद लेना सीखें और किसी और की नहीं बल्कि खुद की सेवा करने में सक्षम होने को अपनाएं।
अपना खुद का सुरक्षित आधार बनें- अपनी भावनाओं से लड़ने या किसी खास तरह से महसूस करने के लिए खुद को कोसने के बजाय, इसके विपरीत प्रयास करें। अपनी भावनाओं को जगह देकर और उनके अस्तित्व का सम्मान करके, आप अपने भीतर ज़्यादा सुरक्षा पैदा करना शुरू कर सकते हैं, और लगातार बाहरी मान्यता की तलाश करने के बजाय भावनात्मक रूप से खुद को मान्य करना भी सीख सकते हैं।
अपने ट्रिगर्स को समझें- यह जाने बिना कि आप किससे ठीक हो रहे हैं, ठीक होना मुश्किल है। आपके पिछले अनुभवों का आपके वर्तमान पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस बारे में आपकी जितनी ज़्यादा जागरूकता होगी, आप उतना ही बेहतर तरीके से खुद के लिए करुणा और सहानुभूति दिखा पाएंगे।
आप क्या चाहते हैं- जैसे-जैसे जीवन आगे बढ़ेगा, आपकी इच्छाएं और प्राथमिकताएं बदलती जाएंगी, लेकिन यह पता लगाना बहुत ज़रूरी है कि आपके लिए वास्तव में क्या महत्वपूर्ण है और इसे अपने परिवार, समाज आदि की इच्छाओं से अलग करें। आप क्या चाहते हैं? और आप अपनी इच्छाओं को अपने जीवन में ज़्यादा जगह कैसे दे सकते हैं?