विकसित भारत की ओर बढ़ते देश के कदम

By बृजनन्दन राजू | Oct 21, 2024

विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ा रहा है। देश को आत्मनिर्भर बनाने, विकास की गति को तेज करने के लिए उठाये गये सकारात्मक परिणामों का असर कई क्षेत्रों में दिखने लगा है। भारत ने जहां 200 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली है। 2014 में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता केवल 75 गीगावाट थी 6 जी तकनीक के पेटेंट में हम विश्व के छह शीर्ष देशों में शामिल हैं। भारत से प्रभावित होकर 11 देशों ने भारत के दवा कानून अपनाए हैं। इसी प्रकार कई अन्य क्षेत्रों में भी अच्छे संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। देश की जनता ने यह साबित कर दिया है कि अगर सामूहिक प्रयास किया जाय तो कुछ भी असंभव नहीं है। आज भारत की तेज विकास की गति दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय है। प्रत्येक देशवासी यह चाहता है कि अपना देश वैभव सम्पन्न हो। विश्व में अग्रणी हो। भारत विकसित बने। जगद्गुरू का स्थान भारत को फिर से प्राप्त हो। हम आकांक्षा तो रखते हैं लेकिन वर्तमान में वस्तुस्थिति कैसी है इसपर बहुत कुछ निर्भर करता है।


2014 से पहले राष्ट्र का ओज क्षीण हो रहा था। जनता आतंकी हमलों से त्रस्त थी। देश भ्रष्टाचार के दलदल में धंसता जा रहा था। मनमोहन सरकार में घोटालों का अंबार लग गया था। देश में निराशा का माहौल था। युवा मन दुर्बल हो गया था। ऐसे समय में देश की बागडोर नरेन्द्र मोदी ने संभाली। मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश से निराशा के वातावरण को दूर करने का काम किया।


नरेन्द्र मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद विकसित भारत की आधारशिला रखी। 2014 में विकसित भारत की बात किसी को हजम होने वाली नहीं थी लेकिन मोदी ने उसके लिए आधारभूमि तैयार की। देशवासियों को मिशन के साथ एक विजन दिया और नवाचार के लिए प्रेरित किया।

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भारत के अंदर क्षमताओं की कमी नहीं थी। कमी केवल आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय की थी। मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से सीधे जुड़े। युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया। आज प्रत्येक देशवासी के मन में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की लालसा जगी है। हमारे देश के प्रत्येक नागरिक का आत्मविश्वास बढ़ा है। जो जिस स्थिति में है उससे आगे बढ़ने का प्रयत्न कर रहा है। विकास भी विरासत के नारे के साथ सांस्कृतिक पुनर्जागरण का कार्य तेजी से हो रहा है। अपने प्रभावी नेतृत्व से भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत को देश की एकता के साथ जोड़ने का काम किया है। आज भारत जाग्रत अवस्था में है। मोदी के नेतृत्व में भारत का भविष्य उज्ज्वल है। आईटी एवं नवाचारों के क्षेत्र में भारत वैश्विक शक्ति बन रहा है।


भारत अपने लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाने का काम मोदी सरकार ने किया है। 2014 से पहले कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या शून्य थी जब अब 4000 से अधिक हो गयी है। जिसके कारण देश के किसानों की आय और खुशहाली दोनों बढ़ रही है।


सरकार के विकसित भारत @2047 विजन का लक्ष्य भारत को 2047 तक 3.4 ट्रिलियन डॉलर से 30 ट्रिलियन डॉलर तक जीडीपी के साथ विकसित अर्थव्यवस्था में बदलना है। इस लक्ष्य में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, सुशासन और पर्यावरणीय स्थिरता शामिल है। 2047 के लिए देश के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों में 90% ग्रीन ग्रिड क्षमता हासिल करना, 2035 तक बेचे जाने वाले सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाना और भारी औद्योगिक उत्पादन को ग्रीन हाइड्रोजन और विद्युतीकरण की ओर ले जाना है।


भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। इसके लिए जरूरी है कि आज अपना देश जिस स्थित में है उसे उन्नत अवस्था में पहुंचाना है। आज दुनिया के जो विकसित राष्ट्र हैं। क्या हमें भारत को उस तरह का विकसित देश बनाना है। क्या इनमें से कोई एक ऐसा राष्ट्र अपने अनुकरण के लायक नहीं है। इस समय हर प्रकार से उन्नत देश अमेरिका को माना जाता है लेकिन क्या अमेरिकावासी सुखी हैं नहीं। तकनीकी दृष्टि से उन्नत हो रहे हैं लेकिन अन्य समस्याएं विकराल हैं। इसलिए हमें भारत को भारत ही बनाना है अमेरिका नहीं। भारत विकसित बने लेकिन भारत के विचारों और भारत की मेधा शक्ति के आधार पर। आज वैश्विक संकटों से समाधान की खोज में दुनिया भारत की ओर देख रही है। कहीं ऐसा न हो कि हम भारत को इंग्लैंड और अमेरिका न बनाने लग जायें। इसलिए विकसित भारत के लिए भारतीय अवधारणा चाहिए। आजादी के बात से हमारे राजनेताओं से यही भूल हुई थी। पश्चिम से प्रभावित होकर हम अपने दर्शन व ज्ञान की उपेक्षा करने लगे थे।


स्वच्छता मिशन के रूप में एक जन आन्दोलन का सूत्रपात किया। जन धन की योजना से सबको जोड़ा। देश में डिजिटल क्रान्ति की शुरूआत की। स्टार्टअप के तहत देश में स्वरोजगार के अवसर खुले। मुद्रा योजना के तहत लोगों को लोन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों लोगों का स्वयं का घर होने का सपना पूरा हुआ है। वर्ष 2016 में उरी में आतंकी हमला हुआ। देश गुस्से में था। सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पापी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। जीएसटी को लागू करके एक बड़ा व्यापारिक सुधार किया।


2014 के बाद भारत का सांस्कृतिक अभ्युदय का मार्ग प्रशस्त हुआ। 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, हैदराबाद में स्टैचू आफ इक्वालिटी, काशी विश्वनाथ कारिडोर, मथुरा वृन्दावन कारिडोर, केदारनाथ धाम व चार धाम परियोजना के कार्य से सनातन संस्कृति का पुनरोदय का आभास हो रहा है। मोदी के कार्यकाल में सांस्कृतिक पुनरूत्थान का कार्य सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में देखने को मिला। अरब देश, रेत का सागर, इस्लामी कायदे कानून का पालन करने वाले देश अबू धाबी में 27 एकड़ भूमि में जब मोदी हिन्दू मंदिर का उद्घाटन कर रहे थे यह मन को विश्वास ही नहीं हो रहा था। यह भारतवर्ष के नवीन सामार्थ्य और आत्मविश्वास का प्रकटीकरण था। मोदी विश्व में हिन्दू शक्ति के प्रतीक बन गये हैं। योग को मान्यता दिलाई। मोदी सरकार बनने के बाद से 150 से अधिक मूर्तियां विदेश से वापस आयीं। जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता ने विश्व को भारतीय संस्कृति का दर्शन कराया।


राष्ट्र की प्रगति के लिए सुशासन महत्वपूर्ण होता है। सरकार की योजनाओं के बारे में मोदी सरकार में आम आदमी की धारणा बदली है। पहले योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता था अब अधिकारी व कर्मचारी खुद गरीबों के घरों तक जाकर योजनाओं का लाभ दे रहे हैं। गरीबों तक योजनाएं पहुंची। मन की बात सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन गया है।


उड़ान व विमानन के क्षेत्र में क्रान्ति हुई है। वहीं रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हुआ है। अयोध्या का रेलवे स्टेशन देखा जाय तो वह एयरपोर्ट को भी पीछे छोड़ता है। लीक से हटकर काम करने वाले नेता हैं। अब भारत की ओर दुनिया की कोई शक्ति आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं कर सकता। वर्तमान का भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। मोदी के परिश्रम का ही परिणाम है कि अब प्रत्येक क्षेत्र में परिवर्तन दिखाई पड़ रहा है। समूचा विश्व भारत की लगातार बढ़ रही प्रतिष्ठा को देख रहा है। मोदी ने पंच प्रण की घोषणा की है। यह पंच परिवर्तन विकसित भारत का आधार बनेगा।


वर्तमान समय में भारत एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है। हमारे आस-पास ऐसे अनेक देशों के उदाहरण हैं जिन्होंने एक निश्चित समय में इसी तरह की लंबी छलांग लगाकर खुद को विकसित किया है। इसलिए मैं कहता हूं; भारत के लिए भी ये सही समय है। हमें इस स्वर्णिम काल के हर पल का लाभ उठाना है, एक पल भी हमें बर्बाद नहीं करना चाहिए। आज हर व्यक्ति, हर संस्था, हर संगठन को इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है कि मैं जो भी करूँ वो विकसित भारत के लिए हो। स्वच्छ भारत अभियान हो, डिजिटल इंडिया अभियान हो, कोरोना के खिलाफ लड़ाई हो या फिर लोकल के लिए वोकल होना हो, सामूहिक प्रयासों की ताकत हम सभी ने देखी है। सामूहिक प्रयासों से ही विकसित भारत का निर्माण होगा। सबका लक्ष्य एक ही होना चाहिए– विकसित भारत। यह विकसित भारत के निर्माण का स्वर्णिम काल है, इसे हमें हाथ से जाने नहीं देना है।


— बृजनन्दन राजू

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार हैं)

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