By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 21, 2024
वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किए नए मॉलिक्यूल
पुणे स्थित आघारकर अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने द्वारा अल्जाइमर रोग के इलाज के लिए नए मॉलिक्यूल विकसित किए गए हैं। दो वैज्ञानिकों ने मिलकर सिंथेटिक, कम्प्यूटेशनल और इन-विट्रो अध्ययनों के जरिए से नए अणुओं को संश्लेषित और डिजाइन किया है। विशेषज्ञों की मानें, तो यह मॉलिक्यूल नॉन टॉक्सिक हैं औऱ इस गंभीर बीमारी के इलाज में प्रभावी हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह अणु कोलिनेस्टरेज एंजाइमों के विरुद्ध प्रभावी हैं। इनके इस्तेमाल से दवाएं तैयार की जा सकती हैं और यह मस्तिष्क की इस बीमारी को भी ठीक करने में प्रभावी रूप में सहायक हो सकती हैं।
अल्जाइमर रोग के उपचार में अहम खोज
शोधकर्ताओं की मानें, तो वैज्ञानिकों द्वारा की गई यह खोज अल्जाइमर रोग के इलाज में काफी अहम साबित हो सकती है। वहीं अगर इसके अच्छे रिजल्ट मिलते हैं, तो इस गंभीर न्यरोलॉजिकल समस्या के इलाज में आसानी होगी।
यह रोग स्तिष्क में संचार की प्रक्रिया में होने वाली गड़बड़ी की वजह से होता है। जिसके कारण सीखने और याददाश्त में कमी आती है। साथ ही इस बीमारी के होने से व्यक्ति के व्यवहार में भी बदलाव आने लगता है।
अल्जाइमर का इलाज
इस रोग के इलाज में ऐसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता रहा है, जो इसके लक्षणों को कम करने में सहायता करती है। यह दवाएं स्मृति को कम होने से संबंधित लक्षणों और अन्य परिवर्तनों को सुधारने में मदद करती है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो इस नई खोज से इलाज की प्रक्रिया को और भी आसान बनाया जा सकेगा। साथ ही यह क्वालिटी ऑफ लाइफ को सुधारने में सहायक साबित हो सकती है।
लाइफस्टाइल को रखें ठीक
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में अल्जाइमर रोग के इलाज को लेकर इससे पहले किए गए एक अन्य अध्ययन में रोगियों में व्यायाम, आहार और अन्य लाइफस्टाइल में बदलावों पर जोर दिया गया था। ऐसे में शोधकर्ताओं ने पाया कि खराब लाइफस्टाइल वाले लोगों की तुलना में रोजाना एक्सरसाइज और सामाजिक रूप से जुड़े रहने से इस बीमारी का खतरा काफी कम हो सकता है। गेम खेलना, नृत्य करना, पढ़ना, सोशल एक्टिविटी में हिस्सा लेना, कोई वाद्य बजाना और अन्य एक्टिविटी में शामिल होकर आप इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के खतरे को कम कर सकते हैं।