चंडीगढ। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनकी ओर से संत जरनैल सिंह भिंडरावाले के झंडे और चित्र के संबंध में दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है।
एडवोकेट धामी ने कहा कि राज्य के मुखिया हर समुदाय की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं, उनका सांप्रदायिक बयान देश की शांति को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत एक बहु-धार्मिक और बहुभाषी देश है, जिसमें सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाला सिखों के राष्ट्रीय शहीद थे, जिन्हें सिख समुदाय के सर्वोच्च धर्मस्थल श्री अकाल तख्त साहिब से शहीद की उपाधि से नवाजा गया था।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कई सिख धर्मस्थलों का दौरा किया जा रहा है और तीर्थयात्रियों को रोका जा रहा है और निशान साहिब और सिख शहीदों की तस्वीरों को उनके वाहनों से जबरन हटाया जा रहा है। अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस मुद्दे पर पुलिस प्रशासन को रोकने के बजाय सिख भावनाओं के खिलाफ बयान दिया है.संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले की तस्वीर पर सवाल उठाना उनके लिए जायज नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश का संविधान सभी को धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है लेकिन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सिख नेताओं के प्रति नफरत व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिखों ने हमेशा देश की बेहतरी और देश की बेहतरी के लिए योगदान दिया है । संकट की घड़ी में बिना किसी भेदभाव के हर समुदाय की सेवा की है। एडवोकेट धामी ने कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि आज अगर पूरा देश आजादी की गर्माहट का आनंद ले रहा है, तो वह सिखों की महान भूमिका के कारण है।
दरअसल , पिछले दिनों होला मोहल्ला के दौरान आनंदपुर साहिब आये श्रद्धालु हिमाचल की ओर गये तो उन्होंने अपने वाहनों पर दीप सिद्धू और संत जरनैल सिंह भिंडरावाला की तस्वीरों के झंउे लगाये थे। जिन्हें हिमाचल पुलिस ने उतरावा दिया और वाहनों के चालान किये। लेकिन इसका बडे पैमाने पर विरोध हुआ। उसके बाद प्रदेश पुलिस ने भी अपने कदम पीछे हटा लिये।