By अभिनय आकाश | Jul 14, 2022
श्रीलंका में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट ने भारतीय व्यापार को भी प्रभावित किया है। चीनी, अंगूर और प्याज जैसी कृषि वस्तुओं के लिए द्वीप राष्ट्र एक प्रमुख डेस्टिनेशन रहा है। चूंकि श्रीलंका में आर्थिक संकट शुरू हो गया है, अधिकांश निर्यातकों ने व्यापार को रोक दिया है। जबकि कुछ ने भुगतान फंस जाने की शिकायत की है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए द्वीप श्रीलंका के लिए भारत का निर्यात बिल सालाना 5,208.3 मिलियन का है। ये आंकड़ा 65 प्रतिशत की वृद्धि के साथ रहा। इंजीनियरिंग सामान, स्किम्ड मिल्क पाउडर, चीनी, प्याज और अंगूर श्रीलंका को प्रमुख रूप से निर्यात किए जाते हैं।
समुद्र के माध्यम से आसान कनेक्टिविटी को देखते हुए भारतीय निर्यातक आमतौर पर जहाजों में बंदरगाहों से अपनी खेप भेजते हैं। भारतीय चीनी के लिए श्रीलंका काफी महत्वपूर्ण बाजार था और निर्यातक इसे कोलकाता के बाजार का विस्तार बताते थे। श्रीलंका हर महीने 40,000-50,000 टन चीनी की खपत होती है, जिसमें से 90 प्रतिशत भारत से प्राप्त होता है। हालांकि, पिछले तीन महीनों से, खासकर जब से देश में आर्थिक संकट शुरू हुआ है, भारतीय निर्यातकों ने देश में अपना शिपमेंट रोक दिया था।
एमईआईआर कमोडिटीज के प्रबंध निदेशक राहिल शेख ने कहा कि मौजूदा सीजन के लिए शायद ही कोई अतिरिक्त चीनी का निर्यात किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा, "सरकार ने निर्यातकों पर कैप लगाने के साथ, इस सीजन के लिए निर्यात की संभावना कम है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमत अधिकांश क्रेडिट लाइन का उपयोग श्रीलंका द्वारा ईंधन और खाद्य आयात करने के लिए किया गया था। चीनी के अलावा भारत की तरफ से प्याज की निर्यात भी प्रभावित हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत ने श्रीलंका को 1.62 लाख टन किचन स्टेपल का निर्यात किया।