By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 22, 2022
कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रही एयरलाइन स्पाइसजेट तीन महीने का प्रतिबंध पूरा होने के बाद 30 अक्टूबर से अपनी 50 प्रतिशत से अधिक उड़ानों का संचालन करने लगेगी। उड़ान के दौरान कई तरह की तकनीकी खामियों की वजह से स्पाइसजेट पर नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने गत 27 जुलाई को कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं। इनमें स्पाइसजेट को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ परिचालन करने का निर्देश भी शामिल है।
बाद में इस पाबंदी की समयसीमा को 29 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया था। यह विमानों के ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम की अंतिम तारीख है जिसके बाद शीतकालीन कार्यक्रम शुरू होगा। शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम 30 अक्टूबर से शुरू होने वाला है। ऐसी स्थिति में स्पाइसजेट को इन बंदिशों से निजात मिलने का समय करीब आ गया है और उसने 30 अक्टूबर से हर हफ्ते 3,193 उड़ानों का संचालन करने की घोषणा कर दी है। यह संख्या पिछले साल के शीतकालीन कार्यक्रम में स्पाइसजेट की तरफ से संचालित हुई उड़ानों से 6.6 प्रतिशत अधिक होगी।
डीजीसीए की तरफ से स्पाइसजेट को 50 प्रतिशत से अधिक उड़ानों का संचालन करने की 30 अक्टूबर से अनुमति दे दी गई है। डीजीसीए के प्रमुख अरुण कुमार से शनिवार को पीटीआई-से कहा कि ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के दौरान इस एयरलाइन को 50 प्रतिशत उड़ानों के ही संचालन की मंजूरी दी गई थी। हालांकि उन्होंने साफ किया कि इस बार स्पाइसजेट की तरफ से संचालित होने वाली उड़ानों में किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सभी तरह के एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। कुमार ने कहा, हम सुनिश्चित करेंगे कि चीजें नियंत्रण में ही बनी रहें। इस बीच एयरलाइन की तरफ से यह पाबंदी हटाए जाने के बारे में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह एयरलाइन पिछले कई महीनों से लगातार उड़ानों के दौरान तकनीकी गड़बड़ियों के कारण चर्चा में रही है।
अभी हाल में ही 12 अक्टूबर को गोवा से उड़ान भरने वाले स्पाइसजेट के एक विमान को आपात स्थिति में हैदराबाद हवाईअड्डे पर उतरना पड़ा था। विमान के केबिन में धुआं होने के बाद विमान की आपात लैंडिंग करानी पड़ी थी। इसके बाद डीजीसीए ने इस विमान के इंजन एवं अन्य हिस्सों की पड़ताल करने का निर्देश दिया है। जहां तक शीतकालीन कार्यक्रम का सवाल है तो इस बार डीजीसीए ने देश भर के 105 हवाईअड्डों से हर सप्ताह कुल 21,941 उड़ानों के संचालन की मंजूरी विमानन कंपनियों को दी है। यह संख्या एक साल पहले के 22,287 उड़ानों की तुलना में 1.55 प्रतिशत कम है।