By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 02, 2021
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने बहिर्गमन किया और सरकार की आलोचना की। वहीं संसदीय कार्य मंत्री ने दावा किया कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि मूल्य वृद्धि का प्रभाव गरीबों पर ना पड़े। शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा, रसोई गैस की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है और लोगों को सब्सिडी भी कम मिल रही है। दस माह से कम समय में बलिया गैस सिलेंडर की कीमत में 240 रुपये से अधिक वृद्धि हुई है।’’
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों भी लगभग हर रोज वृद्धि हो रही है और यह किसानों और आम जनता को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने के कारण बस, आटो रिक्शा के किराये और दाल, खाद्य वस्तुओं और दवाओं के दाम में भी वृद्धि हुई है। चौधरी ने सवाल उठाया कि यह सरकार जनकल्याणकारी सरकार कैसे हो सकती है, क्या सरकार का मतलब कीमतों को बढ़ाना और लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर करना है। उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीबों के हित के लिए नहीं है और सभी मोर्चों पर विफल रही है।
चौधरी के आरोपों पर पलटवार करते हुए संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार द्वारा नियंत्रित होती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अंत्योदय के सिद्धांत पर आखिरी आदमी के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए खड़ी है और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। खन्ना ने दावा किया कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि मूल्य वृद्धि का प्रभाव गरीबों पर ना पड़े।