By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 30, 2021
उन्होंने कहा कि सोराबजी ने अटॉर्नी जनरल के रूप में अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए बार का स्तर भी काफी ऊंचा उठा दिया था। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि ‘‘प्रेस की स्वतंत्रता के समर्थक होने के नाते’’ सोराबजी ने जटिल कानूनी मुद्दों को बारीकी से स्पष्ट करने के लिए हाल तक लगभग दैनिक स्तर पर मीडिया का एक प्रभावी मंच के रूप में इस्तेमाल किया और वस्तुत: लाखों आम लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि सोराबजी का मीडिया में नए चलन के अनुरूप खुद को ढालना उल्लेखनीय था।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें सोराबजी के साहित्यिक कार्य, उनके व्याख्यानों और दलीलों तथा ‘‘महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशन और सलाह’’ से व्यक्तिगत रूप में काफी कुछ सीखने को मिला। न्यायमूर्ति रमण ने सोराबजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘उन्हें ऐसी हस्ती के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूती प्रदान की। मैं दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं, श्री सोली सोराबजी के परिवार, मित्रों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवदेना व्यक्त करता हूं, अपनी तरफ से और उच्चतम न्यायालय की तरफ से, जहां उन्हें हमेशा सम्मान के साथ याद रखा जाएगा।’’ सोराबजी का आज सुबह दक्षिणी दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल में कोविड-19 की वजह से निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्री और दो पुत्र हैं।