एक महिला के लिए मां बनना इतना भी आसान नहीं है। सिर्फ गर्भावस्था में ही महिला को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता, बल्कि प्रसव के बाद भी वजन बढ़ने से लेकर उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप खुद को फिट रखने के लिए योग का सहारा लें। दरअसल, ऐसे कई योगासन हैं, जो प्रसव के बाद ना सिर्फ वजन को कम करते हैं, बल्कि महिला के शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रहे हैं−
भुंजगासन
योगा विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर डिलीवरी के बाद आपको बैक पेन की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं तो ऐसे में आपको भुंजगासन का अभ्यास जरूर करना चाहिए। इस आसन के अभ्यास से आपके हाथ, कंधे, रीढ़ की हड्डी और नितंबों भी मजबूत होते हैं। इस आसन का अभ्यास करने के लिए आप सबसे पहले पूरे शरीर को सीधा रखें और अपने पेट के बल लेट जाएं। अब आप अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे लाएं और श्वास भरते हुए अपनी कमर को मैट पर मजबूती से टिकाते हुए अपने ऊपरी शरीर को धीरे से उठाएं। अपने आप को चोट पहुँचाए बिना जितना संभव हो उतना लिफ्ट करें, दस सेकंड के लिए इस स्थिति में रूकें, फिर साँस छोड़ें और वापिस पुनः स्थिति में लौट आएं।
उष्ट्रासन
योगा विशेषज्ञ के अनुसार, प्रसव के बाद उष्ट्रासन का अभ्यास करना बेहद ही लाभकारी है। शरीर के सभी प्रमुख मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ, प्रसव के बाद पेट के चारों ओर वजन कम करने में सहायक है। प्रसव के बाद बढ़े हुए वजन को नियंत्रित करने के लिए आप इस योगासन का सहारा ले सकती हैं। इसका अभ्यास करने के लिए अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए योगा मैट पर घुटने मोड़ें और कूल्हों के नीचे घुटने रखें। साँस छोड़ते हुए धीरे−धीरे पीछे की ओर झुकें, अपने पैरों को एक के बाद एक अपनी हथेलियों से स्पर्श करें। आपके कंधे, छाती और बाहों को पीठ के निचले हिस्से पर बने एक महत्वपूर्ण आर्च के साथ बढ़ाया जाना चाहिए। सामान्य रूप से सांस लेते हुए इस स्थिति में लगभग 8 सेकंड तक रूक़ें। इसके बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
नोटः गर्भावस्था व प्रसव के बाद योगासन महिला के लिए बेहद लाभकारी माने गए हैं। लेकिन कभी भी खुद से इसका अभ्यास ना करें। हमेशा योगा विशेषज्ञ की सलाह और उनकी देखरेख में ही योगासन करें।
मिताली जैन