माउंट एवरेस्ट पर सबसे पहला कदम सर एडमंड हिलेरी ने रखा था

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 21, 2020

विश्व के सर्वोच्च पर्वत शिखर पर सबसे पहले कदम रखने वाले सर एडमंड हिलेरी के अंदर इस साहसिक कार्य का जज्बा कूट कूट कर भरा था लेकिन इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद भी उनका स्वभाव बहुत सहज और सरल था। सर एडमंड हिलेरी ने 29 मई 1953 को केवल 33 साल की आयु में नेपाल के पर्वतारोही शेरपा तेनजिंग नोर्गे के साथ माउंट एवरेस्ट पर पहली बार कदम रखा था।

इसे भी पढ़ें: नस्लवाद के खिलाफ लंबे समय तक जनांदोलन चलाने वाले नेता थे मंडेला

माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल का कहना है कि इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद भी सर एडमंड हिलेरी हमेशा सहज और आम लोगों की तरह ही रहे। सर हिलेरी से अपनी कुछ मुलाकातों का उल्लेख करते हुए बछेंद्री पाल ने कहा कि एक बार हम हिमालय महोत्सव में भाग लेने हांगकांग पहुंचे थे। सर हिलेरी भी वहां पहुंचे थे। वह वीआईपी गलियारे में बैठने के बजाय आम लोगों के बीच में ही रहे और बहुत सहजता से हम सभी से मिल रहे थे।


बछेंद्री पाल ने पर्वतारोही कर्नल प्रिंसटन की प्रेरणा से इस क्षेत्र में कदम रखा था और 1981 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से इस संबंध में पाठ्यक्रम किया था। ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखने वाली पाल को कोर्स करने के बाद भारतीय पर्वतारोहण फांउडेशन की तरफ से माउंड एवरेस्ट की यात्रा पर जाने के लिए पत्र मिला, जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। सर हिलेरी की तरह माउंट एवरेस्ट पर जाने को लेकर पाल बहुत उत्साहित थीं।


बछेंद्री बताती हैं कि हमने सर हिलेरी और तेनजिंग नार्गे के बारे में केवल किताबों में पढ़ा था और जब पता चला कि हमें भी उनकी तरह विश्व की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला पर जाने का अवसर मिलेगा तो खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस किया। न्यूजीलैंड में 20 जुलाई 1919 को जन्मे सर हिलेरी को स्कूल के दिनों से ही पर्वतारोहण का शौक था और उन्होंने एवरेस्ट यात्रा के बाद हिमालय ट्रस्ट के माध्यम से नेपाल के शेरपा लोगों के लिए कई सहायता कार्य भी किये। उन्होंने 1956, 1960−61 और 1963−65 में भी हिमालय की अन्य चोटियों पर पर्वतारोहण किया था।

इसे भी पढ़ें: भारत को सदैव विश्व गुरु के रूप में देखना चाहते थे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

11 जनवरी 2008 को न्यूजीलैंड के ओकलैंड में उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। हिलेरी को 1985 में भारत में न्यूजीलैंड का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था। नेपाल सहित अन्य कई देशों ने भी उन्हें अपने राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित किया। वह बांग्लादेश में न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त और नेपाल में राजूदत भी रहे।


सर हिलेरी 1958 में कामनवेल्थ ट्रांसअंटार्किटक एक्सपिडीशन के तहत दक्षिणी ध्रुव गए थे। वह 1985 में नील आर्मस्ट्रांग के साथ एक छोटे विमान में उत्तरी धु्रव गए थे। इस तरह वह दोनों ध्रुवों और माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पहले शख्स थे।

प्रमुख खबरें

National Mathematics Day 2024: रामानुजन के गणितीय सूत्र दुनिया भर के गणितज्ञों के लिए आज भी पहेली हैं

फरीदाबाद में महिला ने प्रेमी और साथियों के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची, एक गिरफ्तार

वाराणसी में बदमाशों ने सर्राफा कर्मचारी और उसके बेटे को गोली मारकर आभूषण लूटे

मुजफ्फरनगर में नाबालिग किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार