By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 05, 2020
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सिंध प्रांत की सरकार 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल हत्या मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में आपराधिक अपील दायर करेगी। मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक निचली अदालत ने कराची में 2002 में हुई पर्ल की हत्या के मामले के मुख्य आरोपी की मौत की सजा को रद्द करने के साथ ही तीन अन्य को बरी कर दिया था। इसी फैसले के खिलाफ सिंध सरकार उच्चतम न्यायालय का रुख कर रही है।
इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के लिए बुरी खबर, कर्ज की तीसरी किस्त जारी करने में IMF कर सकता है विलम्ब
सिंध उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को इस मामले के मुख्य आरोपी एवं अलकायदा के सरगना अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को सात साल कैद की सजा में बदल दिया और मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे तीन अन्य आरोपियों - फहाद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल को बरी कर दिया था। हालांकि प्रांतीय सरकार ने शेख और उसके तीन सहयोगियों को जेल में रखने के लिए लोकव्यवस्था बनाए रखने के कानून को लागू कर दिया।
इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर पर इमरान खान के अनर्गल बयानों पर भारत का पलटवार
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि सरकार इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी। समाचारपत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक सिंध सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि वे फैसले के खिलाफ आपराधिक अपील दायर करने का काम निजी वकील को सौंपेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि वकील के नाम पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
खबर में बताया गया कि समझा जाता है कि उच्चतम न्यायालय के नियमों के तहत अपील अगले हफ्ते तक दायर नहीं की जा सकेगी। गौरतलब है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख, पर्ल को अगवा कर उनका सिर कलम कर दिया गया था जब वह देश की ताकतवर खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच कथित लिंक पर एक स्टोरी के संबंध में तथ्य जुटा रहे थे।