जम्मू। जम्मू कश्मीर के रिआसी जिले के कटरा में त्रिकुटा पहाड़ी में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में बुधवार को नवरात्र शुरू होने के बाद भी सन्नाटा पसरा रहा। आम तौर पर ऐसे दिनों में मंदिर में भक्तों की खासी भीड़ होती है। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया है। हालांकि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पहले ही वैष्णो देवी यात्रा को बंद करने की घोषणा की थी और कोरोना वायरस के प्रसार पर काबू के लिए एहतियाती उपायों के तहत सभी अंतरराज्यीय बसों पर रोक लगा दी थी। मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि केवल कुछ अनुष्ठान किए जा रहे हैं।
यह पहला मौका है जब मंदिरों का शहर जम्मू चैत्र नवरात्रि के पहले दिन वीरान दिख रहा है और अधिकतर मंदिर बंद हैं। श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने पीटीआई को बताया कि मंदिर में नवरात्रि से जुड़े कार्यक्रमों के अलावा वार्षिक महायज्ञ जारी रहा। आमतौर पर 40,000 से 50,000 श्रद्धालु नवरात्रि के पहले दिन पूजा अर्चना के लिए यहां आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं नवरात्रि के पहले दिन हर साल माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद लेने के लिए गुफा मंदिर में जाता था। हालाँकि मुझे इस बात की निराशा है कि मैं इस बार मंदिर नहीं जा सका क्योंकि कोरोना वायरस के कारण मंदिर को बंद करने की जरूरत थी। हालांकि मंदिर ने रोजाना दर्शन का सीधा प्रसारण करने का फैसला किया है।
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नवरात्रि की परंपरा को ध्यान में रखते हुए जम्मू में लोग नौ दिनों का उपवास रख रहे हैं और महामारी से बचाव के लिए नवदुर्गा की प्रार्थना कर रहे हैं। इस बीच उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने नवरात्रि और नवरेह के शुभ अवसर पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लोगों को बधाई दी और उनकी भलाई तथा सलामती और समृद्धि की कामना की। उनहोंने अपने संदेश में आशा व्यक्त की और प्रार्थना की कि इस त्योहार से जम्मू कश्मीर में सद्भाव, भाईचारा, एकता, शांति, प्रगति और समृद्धि का मौका मिलेगा। उन्होंने श्री माता वैष्णो देवी के भक्तों सहित लोगों से अपील की कि वे इस नवरात्रि के दौरान घरों में ही रहें और वहीं प्रार्थना करें।