By अनन्या मिश्रा | May 02, 2024
सिक्किम सरकार ने घर में रहने वाली महिलाओं को सशक्त बनाने कि लिए एक अनूठी योजना की शुरूआत की है। सिक्किम सरकार की तरफ शुरू की गई इस योजना के तहत हर मां के नाम पर एक 'बचत खाता' खोला जाएगा। इस योजना का उद्देश्य इन महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। खासकर जो महिलाएं विवाहित हैं औऱ उनके बच्चे हैं, लेकिन उनके पास कोई रोजगार नहीं है।
राज्य में करीब 32 निर्वाचन क्षेत्रों में से 14,000 लाभार्थी महिलाएं हैं। इस योजना में 18 साल से और उससे अधिक उम्र की विवाहित महिलाएं शामिल हैं। यह स्कीम उन महिलाओं के लिए है, जो घर के बाहर काम नहीं करती हैं और उनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी नहीं करते हैं।
आमा सशक्तिकरण योजना
बता दें कि सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का नाम 'आमा सशक्तिकरण योजना' है। राज्य के मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने पूर्वी सिक्किम के रंगपो में 14,000 लाभार्थियों को चेक दिया है। इस योजना के माध्यम से सालाना 20,000 रुपए की राशि मिलेगी। इस स्कीम के तहत राज्य की उन सभी माताओं को कवर किया जाएगा, जो गैर-कामकाजी, अविवाहित, विधवा और यौन शोषण का शिकार हैं। राज्य सरकार के मुताबिक इस योजना के जरिए महिलाओं में आत्मनिर्भरता और स्वायत्तता को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री तमांग ने बताया कि इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य घर की माताओं की आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। ऐसे में महिलाओं के खाते में 20,000 रुपए की राशि आएगी, जिससे वह अपना खर्च आसानी से वहन कर सकेंगी। वहीं सीएम ने आगे बताया कि समाज में जिन महिलाओं को नजरअंदाज किया जाता है, सरकार उन महिलाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
राज्य सरकार का दावा है कि सिक्किम देश का पहला राज्य है। जिसने महिलाओं के लिए एक कल्याणकारी योजना की शुरूआत की है। समाज में महिलाओं की स्थिरता को सुनिश्चित करने के साथ ही यह योजना महिलाओं को अपने परिवार के जीवन को बदलने के लिए भी मजबूती प्रदान करेगी।