लखनऊ। भगवान भोलेनाथ के भक्तों का प्रिय श्रावण मास आज से शुरू हो गया है। हालांकि आज से ही भोलेनाथ के मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है लेकिन कल सावन के प्रथम सोमवार पर मंदिरों की रौनक देखने लायक रहेगी। सावन के पहले सोमवार को भोलेनाथ के मंदिरों में भीड़ एकत्र ना हो, कोरोना प्रोटोकॉल भी बना रहे, इसको देखते हुए तमाम मंदिर समितियों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय और कदम उठाए हैं। इन्हीं प्रतिबंधों के बीच एक बार फिर राजधानी के मनकामेश्वर, कोनेश्वर, बुद्धेश्वर व द्वादश ज्योतिर्लिंग समेत प्रमुख मंदिरों में घंटे बजाने से लेकर प्रसाद और पूजा सामग्री चढ़ाने तक में प्रतिबंध रहेगा। भोलेनाथ के सभी मंदिराें में श्रावण मास को लेकर तैयारियां पूरी हो गई है। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने बताया कि आज से श्रावण शुरू हो गया है। कल 26 को पहला सोमवार पड़ेगा, जिसे लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं। अबकी बार गर्भ गृह में छह फीट दूर से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई है।वहीं महाकाल मंदिर के व्यवस्थापक अतुल मिश्रा ने बताया कि भस्म आरती के साथ ही रुद्राभिषेक होंगे। इस बार प्रसिद्ध बुद्धेश्वर मंदिर में मेला नहीं लगेगा सिर्फ भोलेनाथ के दर्शन की व्यवस्था होगी।
लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने भी गत दिवस बुद्धेश्वर समेत सभी मंदिरों का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। कोनेश्वर मंदिर, बड़ा व छोटा शिवाला, कोतवालेश्वर मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी दर्शन-पूजन का इंतजाम पूरा हो गया है। 10 साल से नीचे और 60 साल के ऊपर का प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर समिति के मंत्री आलोक सिंघल ने बताया कि पुजारी गुड्डू पंडित ने सभी 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का इंतजाम किया है।एक बार में 15 परिवार के लोग रुद्राभिषेक करेंगे। बुद्धेश्वर मंदिर की महंत लीलापुरी ने बताया कि प्रतिबंधों के बीच दर्शन का इंतजाम किया गया है। कोनेश्वर मंदिर के उत्तम कपूर ने बतायाकि सुरक्षा इंतजामों के साथ दर्शन होंगे। बड़ा व छोटा शिवाला समेत अन्य मंदिरों में भी सुरक्षा के बीच दर्शन के इंतजाम किए गए हैं।आज से शुरू होेने वाले श्रावण मास में कई त्योहार पड़ेंगे। 26 को पहला साेमवार पड़ेगा तो छह अगस्त को मास शिवरात्रि व्रत होगा। 11 को हरियाली तीज होगी तो 13 को नागपंचती-गुड़िया होगी। 22 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ ही श्रावण मास का समापन होगा।