लॉकडाउन में बनाई गई इन शॉर्ट फिल्मों ने दिया STRONG मैसेज! एक घर में सन्नाटा तो दूसरे घर में शोर ही शोर...

By निधि अविनाश | Jul 25, 2020

कोरोना वायरस धीरे-धीरे जब भारत में पैर पसारना शुरू किया तो इस महामारी से निपटने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू कराने का आदेश दिया। कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान आम आदमी से लेकर बॉलीवुड सेलेब्स तक क्वॉरंटाइन में रहे। इस दौरान फिल्मों की शूटिंग बंद रही। वहीं कुछ सेलेब्स ऐसे भी थे, जिन्होंने इसे एक अवसर की तरह लिया और समय का उपयोग करते हुए कोरोना लॉकडाउन में भी काम जारी रखा। इन सेलेब्स ने लघु फिल्में बनाकर लोगों के लॉकडाउन की बोरियत को कम करने की कोशिश की। ये सभी शॉर्ट फिल्में लॉकडाउन के दौरान सेलेब्स ने बिना कहीं बाहर गए अपने घरों में ही शूट की है। तो आइये जानते है लॉकडाउन के दौरान बनाई गई इन शॉर्ट फिल्मों के बारे में। 

 

 रिलेशनशिप मैनेजर (relationship manager)

 मुंबई शहर, ये वो शहर है जो कभी नहीं सोता है लेकिन लॉकडाउन के लगने के बाद से ही ये शहर ठहर सा गया। जहां ट्रेफिक से लेकर लोगों की चहल-पहल हुआ करती थीं वहीं लॉकडाउन के दौरान बिल्कुल सन्नाटा सा छा गया लेकिन एक घर है जहां काफी शोर है। लॉकडाउन के दौरान अगर एक घर शांत है तो दूसरे घर में उतना ही शोर! रॉयल स्टैग लार्ज-शॉर्ट फिल्म्स की करीब 10 मिनट की ये शॉर्ट स्टोरी  रिलेशनशिप मैनेजर को फाल्गुनी ठाकोर ने लिखा और निर्देशित किया है।इस फिल्म की कहानी घरेलू हिंसा के मुद्दे पर बुनी गई है। इस फिल्म में अनूप सोनी, दिव्या दत्ता, अनुपम खेर, सना खान और जूही बब्बर हैं। इसकी शूटिंग लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए की गई है। इस फिल्म में अनूप सोनी और दिव्या दत्ता का अहम किरदार है। इस फिल्म में हो रही अनूप सोनी और दिव्या दत्ता की बातचीत इस कहानी की सबसे बड़ी सीख है कि कोई भी हिंसा अच्छे के लिए नहीं होती। अगर आप अपनी  जिंदगी  की आजादी के लिए अपने आप पर हो रहे हिंसा को नहीं रोक रहे है तो कहीं न कहीं आप खुद ही  हिंसा को बढ़ावा दे रहे है। चाहे आपको कितना भी फायदा हो, लेकिन उसके लिए हिंसा न सहना ठीक है और न करना सही...

 

 सब ठीक है (Everything is Fine)

 क्या आपने कभी अपनी माँ को परेशान और उलझा हुआ देखा है? देखा तो होगा, तो क्या आपने कभी उनसे ये पूछने की कोशिश की कि , माँ सब ठीक तो है ना?  अगर पूछा भी तो उनका केवल एक ही जवाब आता होगा  “सब ठीक है ” Everything is Fine। ये शॉर्ट फिल्म भी एक माँ के ऊपर दर्शाया गया है। सोसायटी में अक्सर आपने देखा होगा कि महिलाओं के पति उन पर अपना धोंस जमाए रखते है। पत्नी अपने लिए कोई  भी निणर्य नहीं ले सकती है और अगर लेना चाहती भी है तो उनको रोक दिया जाता है। इस शॉर्ट फिल्म में माँ का अहम किरदार निभाने वाली ऑन स्क्रीन की फेवरेट माँ  भार्गव पाहवा है वहीं बेटी का किरदार  पॉलोमी घोष निभा रही है। पिता के रोल में सिद्धार्थ भारद्वाज है। इस कहानी को मानसी निर्मल जैन ने लिखा है और निर्देश किया है। इस फिल्म को लॉकडाउन के दौरान premiere 10 मई 2020 को किया गया है। अगर आप माँ की मुश्किलों को समझना और जानना चाहते हैं तो जरूर देखें ये फिल्म।

 

 फैमिली 

कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब बॉलिवुड सितारों की शूटिंग पर पूरी तरह रोक लग गई थी तब इन्हीं फिल्मी सितारों ने अपने-अपने घरों में बैठकर एक शॉर्ट फिल्म तैयार की। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, प्रियंका चोपड़ा, सिंगर एक्टर दिलजीत दोसांझ, तमिल सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत, मलयालम सिनेमा के मोहनलाल और ममूटी, तेलुगु सिनेमा के चिरंजीवी, कन्नड़ सिनेमा के शिवा राजकुमार, बंगाली सिनेमा से प्रोसेनजीत चटर्जी, मराठी सिनेमा से कुलकर्णी नजर आ रहे हैं। इस शॉर्ट फिल्म में अमिताभ बच्चन अपना एक काला चश्मा ढूंढ़ रहे होते है जिसकी मदद के लिए तमाम बॉलिवुड सितारे जुट जाते है। चार मिनट 35 सेकेंड की इस शॉर्ट फिल्म  को सभी सितारों ने अपने ही घरों में रहकर शूट किया और कोरोना लॉकडाउन के नियमों का पालन करने का संदेश लोगों तक पहुंचाया। विडियो के अंत में अमिताभ बच्चन दर्शकों से घरों में रहने और बाहर नहीं निकलने की सलाह देते है।


 Lockdown Diaries (लॉकडाउन डायरी)

 कोरोना के नियमों का पूरा पालन करते हुए लॉकडाउन डायरी शॉर्ट फिल्म को शूट की गई है। इस शॉर्ट फिल्म को सबने अपने-अपने घरों में शूट किया है। पॉकेट फिल्म की करीब 12 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म में सुमन नागरकर, शिशिर शर्मा का अहम किरदार है। इसमें मलयालम फिल्म उद्योग से अहाना कृष्ण और सिंगापुर के साईं पोगारू जैसे अन्य कलाकारों के अलावा, सारण जीथ, अपर्णा प्रदीप, परना पेठे और राघव रंगनाथन, ललित प्रभाकर और ऐश्वर्या कुमार जैसे कई कलाकार शामिल है। इस शॉर्ट फिल्म को देखकर आपको ये तो समझ आ जाएगा कि लॉकडाउन के दौरान आप किस तरह अपनों को याद करते है और उनसे बात करना चाहते है। इसकी शुरूआत दादा और पोती की बातचीत से होती है और फिर धीरे-धीरे कई लोग अपनों को याद करते हुए एक-दूसरे से फोन पर बातचीत करके अपनी गलतियों को भुला कर जीवन की नई शुरूआत करने की बात करते हुए दिखेंगे। अगर आपने भी लॉकडाउन के दौरान ऐसा कुछ महसूस किया है तो जरूर देखें ये शॉर्ट फिल्म।

 

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