By अंकित सिंह | Aug 02, 2024
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा कि ‘किसान विरोधी’ होना कांग्रेस के डीएनए में है, उनकी प्राथमिकता हमेशा ही गलत रही हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए सभी ठोस सुझावों पर विचार करेगी। कृषि मंत्री ने साफ किया कि मोदी सरकार किसानों को सब्सिडी वाले उर्वरक उपलब्ध कराना जारी रखेगी। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जब हम महाभारत काल में जाते हैं तो हमें भगवान श्रीकृष्ण नजर आते हैं, जबकि विपक्ष को छल- कपट और अधर्म के प्रतीक शकुनी तथा चौसर का ध्यान आता है।
शिवराज ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू जी 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे और तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस वर्षों तक सरकार में रही, लेकिन सिंचाई की व्यवस्थाओं पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। इसके एक नहीं अनेक उदाहरण हैं। जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब सिर्फ साढ़े 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था थी। हमने इसे बढ़ाकर साढ़े 47 लाख हेक्टेयर किया। उन्होंने बार-बार कहा कि कांग्रेस की किसानों को लेकर प्रथमिकताएं गलत थीं।
भाजपा नेता ने कहा कि कृषि के लिए बजटीय आवंटन 2013-14 में 27 हजार 663 करोड़ रुपये था। 2024-25 में ये बढ़कर 1 लाख 32 हजार 470 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने प्राथमिकताएं बदलने का काम किया। खेती के लिए हमारी 6 प्राथमिकताएं हैं। मंत्री ने कहा, सरकार एक लाख 95 हजार करोड़ रुपये से अधिक की उर्वरक सब्सिडी प्रदान कर रही है जो 2013-14 में यूपीए शासन में केवल 71 हजार करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने खाद्यान्नों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है। श्री चौहान ने कहा, खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत कम करना और उचित मूल्य देना सरकार का प्रमुख उद्देश्य है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, इस साल के बजट में कृषि के लिए एक लाख 32 हजार करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किया गया है, जो 2013-14 में 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक था. मंत्री ने कहा, सरकार सिंचाई पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिसके परिणामस्वरूप 2023-24 में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन 329 मिलियन टन से अधिक हो गया। उन्होंने कहा, दालों का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किये गये हैं।