By अनुराग गुप्ता | May 05, 2022
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए अभी 2 महीने भी पूरे नहीं हुए की समाजवादी पार्टी गठबंधन में बगावत शुरू हो चुकी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव नए सिरे से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का पुनर्गठन करने वाले हैं। ऐसे में पार्टी नए तेवर और कलेवर में नजर आएगी। इसको लेकर शिवपाल यादव ने अपनी स्थिति भी स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के भीतर हम पार्टी का गठन कर लेंगे और फिर से प्रसपा के लोगों को जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
एक हफ्ते में होगा पार्टी का गठन
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि संगठन की हमने पूरी तरह से समीक्षा कर ली है और अब मुझे पुनर्गठन करना है। एक हफ्ते के अंदर हम अपनी पार्टी का गठन कर लेंगे और फिर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के लोगों को जिम्मेदारियां देंगे। हम लोगों की समस्याओं को प्रशासन के सामने रखने का काम करेंगे।
विधानसभा चुनाव में सपा के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली प्रसपा अब अपनी चुप्पी तोड़ते हुए दिखाई दे रही है। प्रसपा प्रमुख सोशल मीडिया के माध्यम से भतीजे पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। इतना ही नहीं चुनाव के बाद प्रसपा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी को छोड़कर सभी कमेटियों को भंग कर दिया था और शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी। जिसके बाद सपा के साथ उनकी खटास खुलकर सामने आई थी और अटकलें लगाई जाने लगी थी कि शिवपाल यादव समाजवादी से अब भगवाधारी होने वाले हैं। हालांकि शिवपाल यादव ने इन अटकलों से ज्यादा खुद को पार्टी पर ध्यान केंद्रित किया।
फिर जुदा हुई शिवपाल की राह
विधानसभा चुनाव के दरमियां शिवपाल यादव ने प्रसपा प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था और सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और फिर चुनाव बाद विधायक दल की बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया। जिसके बाद नाराजगी खुलकर सामने आई। मीठी ईद के मौके पर शिवपाल यादव ने अपने दिल की खट्टास को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया था। उन्होंने कहा था कि अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर मैंने उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया! इसके बावजूद भी अगर नाराज हूं तो किस स्तर तक उसने हृदय को चोट दी होगी! हमने उसे चलना सिखाया... और वो हमें रौंदते चला गया... एक बार पुनः पुनर्गठन, आत्मविश्वास व सबके सहयोग की अप्रतिम शक्ति से ईद की मुबारकबाद।