By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 20, 2020
मुंबई। शिवसेना ने राजस्थान में राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि फोन टैप करना निजी स्वतंत्रता पर हमला है और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को धन का इस्तेमाल करके गिराना ‘‘धोखा करने’’ के समान है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा कि अब यह फैसला करना है कि दोनों में से बड़ा अपराध कौन सा है। पार्टी ने दावा किया कि राजस्थान में टेलीफोन टैप किए जाने से कई लोगों की असलियत सामने आ गई है। उसने कहा कि यदि कोई कांग्रेस के नेताओं की बातचीत को चुपके से सुनकर उसे पार्टी नेता राहुल गांधी के कानों तक पहुंचा देता है तो कई नए खुलासे होंगे। उसने दावा किया कि कुछ लोगों ने इस बात का बीड़ा उठाया है कि राहुल गांधी को काम नहीं करने देना है।
इसे भी पढ़ें: राजस्थान की सियासत का आज अहम दिन, पायलट व अन्य विधायकों की याचिका पर सुनवाई शुरू
शिवसेना ने कहा कि इससे पूरे विपक्ष को नुकसान होता है। उसने कहा, ‘‘फोन टैप करना एक अपराध है और यह निजी स्वतंत्रता पर हमला है। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को धन का इस्तेमाल करके गिराना धोखा है। हालांकि यह फैसला करने की आवश्यकता है कि इनमें से बड़ा अपराध कौन सा है।’’ पार्टी ने कहा कि यह फैसला किया गया था कि पैसे देकर राजस्थान सरकार को गिराया जाएगा। उसने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलासा किया कि सचिन पायलट का अन्याय के खिलाफ विद्रोह झूठ है। पायलट और भाजपा नेताओं के बीच फोन पर बातचीत से यह बात सामने आई। यह हैरान करने वाला और सनसनीखेज है।’’ शिवसेना ने कहा कि गहलोत सरकार को गिराने के लिए केंद्र ने दबाव और धन की ताकत इस्तेमाल की और कांग्रेस ने ऐसा नहीं होने दिया।