By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 08, 2016
मुंबई। शिवसेना ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के हिंदी चैनल पर पाबंदी के आदेश को स्थगित करने के फैसले का स्वागत करते हुए आज कहा है कि एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन की पाबंदी के मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है, ‘‘एनडीटीवी इंडिया पर पाबंदी के आदेश को स्थगित करने के फैसले का हम स्वागत करते हैं। लेकिन इस बात की चिंता जरूर है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।’’
पार्टी की ओर से कहा गया, ‘‘कुछ फैसले राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े होते हैं इसलिए उनका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। अगर ऐसा किया जाता है तो इसे समर्थन नहीं दिया जा सकता। खराब आचरण को स्वतंत्रता की आड़ में सही नहीं ठहराया जा सकता।’’ इसमें कहा गया है कि कुछ लोग कुछ भी बोलने की स्वतंत्रता चाहते हैं, कुछ सड़क पर कहीं भी थूकने की स्वतंत्रता चाहते हैं, कुछ भ्रष्टाचार के जरिए पैसा कमाने की स्वतंत्रता चाहते हैं और कुछ पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने की स्वतंत्रता चाहते हैं, लेकिन ‘‘ऐसी स्वतंत्रता राष्ट्र को अस्थिर करेगी।’’ सेना ने कहा कि सबसे पहले समाचार देने की प्रतिस्पर्धा में आजकल समाचार चैनलों का स्तर कितना गिर जाता है यह वे खुद भी नहीं समझ पाते।
कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए सामना के संपादकीय में कहा गया है कि इस पार्टी के नेताओं को तो आजादी की बात करनी ही नहीं चाहिए क्योंकि आपातकाल के दौरान इसी पार्टी ने हर तरह की आजादी का ‘‘गला घोंट’’ दिया था। इसमें कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सेंसरशिप थोप दी गई थी और कई संपादकों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया था। कई अखबारों को कामकाज बंद करना पड़ा था।’’
गौरतलब है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एनडीटीवी इंडिया पर पाबंदी लगाने के अपने दो नवंबर के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी थी। प्रसारणकर्ता ने पाबंदी के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था, जिसके बाद यह स्थगन आदेश आया है। पाबंदी के आदेश की चहुंओर आलोचना हुई थी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एनडीटीवी के सह अध्यक्ष प्रणव रॉय ने सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वैंकया नायडु से मुलाकात कर आदेश से संबंधित मसले पर चर्चा की थी। मंत्री ने कहा है कि एनडीटीवी के नेतृत्व ने उनसे अपील की थी जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इस पर विचार करेंगे, बाद में प्रक्रिया पूरी होने तक सरकारी आदेश को स्थगित करने का फैसला लिया।