By नीरज कुमार दुबे | Jul 27, 2024
महाराष्ट्र में जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की राजनीति गर्मा गयी है। राज्य के दोनों प्रमुख गठबंधनों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गये हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र के नेता शरद पवार को भ्रष्टाचार का सरगना बताया था। जिसके बाद विपक्षी एमवीए गठबंधन के नेताओं ने भाजपा पर तीखा हमला बोला था। अब शरद पवार ने भी अमित शाह पर पलटवार करते हुए कहा है कि अजीब बात है कि जिस व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात से बाहर भेज दिया था, वह इतने महत्वपूर्ण मंत्रालय का नेतृत्व कर रहा है।
हम आपको बता दें कि शरद पवार ने अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उस समय अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे। उन्होंने कानून का दुरुपयोग किया तो सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उन्हें गुजरात से तड़ीपार करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति अब देश का गृह मंत्री बन गया है और इस तरह के बयान दे रहा है। शरद पवार यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपनी पार्टी के नेता राजेश टोपे के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि अभी टोपे ने कहा कि वह मेरी उंगली पकड़कर राजनीति में आये थे। शरद पवार ने कहा कि लेकिन मुझे उनके बयान पर भरोसा नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने भी ठीक ऐसा ही कहा था। शरद पवार ने कहा कि मुझे किसी के बयान पर नहीं बल्कि अपनी उंगली पर भरोसा है। शरद पवार ने साथ ही कहा कि जिनके हाथ में सत्ता है, उन्होंने अपनी सोच नहीं बदली है इसलिए हम सभी को सावधान रहना चाहिए, नहीं तो देश गलत दिशा में आगे बढ़ सकता है।
दूसरी ओर, सत्तारुढ़ महायुति सरकार में शामिल दलों की बात करें तो उनमें खिंचाव साफ महसूस किया जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण राणे ने एक बयान देकर अंदरूनी खींचतान को जगजाहिर कर दिया है। हम आपको बता दें किपूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा है कि उनकी पार्टी को इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सभी 288 सीट पर चुनाव लड़ना चाहिए। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बृहस्पतिवार को राज्य में चुनाव की तैयारियों पर भाजपा नेताओं के साथ बैठक की थी।
उधर, नारायण राणे के बयान पर शिवसेना सांसद और पार्टी प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राणे का रुख उनकी पार्टी या भाजपा नेताओं का नहीं है। उन्होंने कहा, “सभी दलों को उनकी ताकत के अनुसार सीट मिलेंगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार सीट बंटवारे पर फैसला लेंगे।''
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विश्वास जताया है कि सत्तारुढ़ गठबंधन (महायुति) अपने विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के कारण आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करेगा। शिंदे ने कहा, “जनता मेरी सरकार का समर्थन करेगी क्योंकि वे महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति सरकार के प्रदर्शन का आकलन करेगी। लोग उन लोगों को वोट देते हैं, जो काम करते हैं न कि उन लोगों को जो घर पर बैठे रहते हैं।”
हम आपको यह भी बता दें कि शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा है कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार अगले सप्ताह हो सकता है। शिरसाट ने साथ ही कहा कि वर्ष 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार बनाने के दौरान उनके विधायकों द्वारा दिए गए बलिदान के कारण उनकी पार्टी को अधिक मंत्री पद मिलना चाहिए। शिरसाट ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को एक बैठक की थी। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान हो सकता है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई हो। हम आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता अगले दो महीनों में लागू होने की उम्मीद है। ऐसे में मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल होने वालों को काम करने के लिए कुछ ही दिन मिल पाएंगे।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के संबंध में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी दलों शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के साथ बातचीत के लिए मुंबई और महाराष्ट्र को लेकर समितियों का गठन किया है। कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रदेश स्तरीय समिति में प्रदेश इकाई के प्रमुख नाना पटोले, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ-साथ वरिष्ठ नेता नितिन राउत, नसीम खान और सतेज पाटिल शामिल हैं। मुंबई इकाई का प्रतिनिधित्व महानगर इकाई की प्रमुख और लोकसभा सदस्य वर्षा गायकवाड़, मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख भाई जगताप और विधायक असलम शेख करेंगे।