By अभिनय आकश | Apr 29, 2020
एक तरफ पूरी दुनिया में कोरोना ने अपना कहर मचाया हुआ है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंकियों को भेज रहा है। लेकिन इन सब के बीच अकसर कायरतापूर्ण हमले करने वाले आतंकी संगठन इन दिनों आपस में ही भिड़ गए हैं। खबर के अनुसार कश्मीर घाटी में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन टकराव के मूड में है। दिलचस्प बात ये है कि लश्कर-ए-तैयबा ने एक नया संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) बनाया है। हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर अब्बास शेख ने हिजबुल का साथ छोड़कर टीआरएफ ज्वाइन कर लिया है। इसके बाद से ही टीआरएफ और लश्कर दोनों ही हिजबुल के निशाने पर है।
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तहरीक-ए-पीपल्स पार्टी ने पोस्टर जारी कर दी जानकारी
इस बारे में तहरीक-ए-पीपल्स पार्टी ने बताया गया कि उसके ऑपरेशनल कमांडर अब्बास शेख ने हिजबुल का साथ छोड़ दिया है। हिजबुल की कश्मीरी पुलिसकर्मियों और आम नागिरकों को मारने का समर्थन करने वाली नीति के खिलाफ होकर अब्बास शेख ने यह कदम उठाया।
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टीआरएफ ने हिजबुल को दी चेतावनी
टीआरएफ ने एक चिट्ठी में लिखा कि हिजबुल मुजाहिदीन को ये समझने की जरूरत है कि हमारी जंग कश्मीरियों से नहीं, भारतीय सुरक्षाबलों है। हम बिना उनके समर्थन के सुरक्षाबलों के खिलाफ नहीं लड़ सकते हैं। हमने सोचा था कि हम साथ लड़ेंगे लेकिन यह हमारी सबसे बड़ी भूल थी।' हम हर उस शख्स के खिलाफ लड़ेंगे, जो किसी भी कश्मीर को नुकसान पहुंचाएगा। यह हिजबुल को अंतिम चेतावनी है। हमें मजबूर मत करो कि हम सख्त ऐक्शन लें। इसके बाद कोई चेतावनी नहीं, सिर्फ ऐक्शन होगा।'
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जानकारी के अनुसार हर साल मार्च-अप्रैल के महीने में इस तरह के नए संगठन सामने आते हैं और फिर कुछ ही महीनों में गायब हो जाते हैं। इनका मकसद सिर्फ अन्य संगठनों के लोगों को आपस में मिलाना होता है। नया संगठन नए जोश को दिखाने के लिए ड्रामा मात्र होता है। लेकिन कश्मीर में मुख्य रूप से पाक की फंडिंग की सहायता से अशांति फैलाने के प्रयास में लश्कर, जैश और हिजबुल ही सक्रिय है।
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सुरक्षाबल चुन-चुन मार रही आतंकियों को
कश्मीर घाटी में सुरक्षाबल आतंकियों को ढूंढकर उनके असली अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। बीते दिनों रविवार को कुलगाम में सुरक्षाबलों 4 आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाया गया। अप्रैल महीने में अब तक 26 आतंकी सुरक्षाबल ढेर कर चुके हैं।
2017 में 213 आतंकी सुरक्षाबलों ने मार गिराए थे।
2018 में 257 आतंकी मारे गए थे।
2019 में 157 का मारे गए थे।
2020 में जनवरी से अब तक 56 आतंकी सुरक्षाबलों के जवान ढेर कर चुके हैं।