By नीरज कुमार दुबे | Aug 23, 2024
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले सुरक्षा के तगड़े प्रबंध किये जा रहे हैं। गलियों, मोहल्लों से लेकर जंगलों और नियंत्रण रेखा तक सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किये जा रहे हैं कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। इसके अलावा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को भी सुरक्षा कवर मुहैया कराया जा रहा है। चुनावों को देखते हुए वाहनों की जांच, संदिग्धों की तलाशी और सर्च ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं। हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने चुनाव ड्यूटी के लिए कश्मीर घाटी में अब तक अर्धसैनिक बलों की तकरीबन 300 कंपनियों को तैनात किया है। अधिकारियों ने बताया है कि इन कंपनियों को श्रीनगर, हंदवाड़ा, गांदरबल, बडगाम, कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा, अवंतीपोरा और कुलगाम में तैनात किया गया है। बताया जा रहा है कि कश्मीर घाटी में सुचारू रूप से विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुरक्षा के वास्ते केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस सहित अर्धसैनिक बलों की 298 कंपनियों को तैनात किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, श्रीनगर को सबसे अधिक 55 कंपनियां मिली हैं, उसके बाद अनंतनाग (50), कुलगाम (31), बडगाम, पुलवामा और अवंतीपोरा पुलिस जिले (24-24), शोपियां (22), कुपवाड़ा (20), बारामुल्ला (17), हंदवाड़ा 15, बांदीपोरा 13 और गांदरबल (तीन) हैं।
बीएसएफ महानिदेशक का दौरा
दूसरी ओर, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते इलाकों का दौरा कर स्थिति और परिचालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। दलजीत सिंह चौधरी ने जवानों से भी बातचीत की और शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी। हम आपको बता दें कि बीएसएफ का महानिदेशक नियुक्त होने के बाद दलजीत सिंह चौधरी ने पहली बार जम्मू सीमांत क्षेत्र का दौरा किया है। जम्मू-कठुआ रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक शिव कुमार शर्मा ने पंसार सीमा चौकी पर दलजीत सिंह चौधरी से मुलाकात की और क्षेत्र में सुरक्षा उपायों तथा जवानों और पुलिस के बीच सहयोग पर चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर त्रिस्तरीय सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है, जिसमें बीएसएफ के जवानों और हाल ही में प्रशिक्षित लगभग 1,000 सीमा पुलिसकर्मियों और ग्राम रक्षा समूहों (वीडीजी) को तैनात किया जा रहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान
हम आपको बता दें कि तीन चरणों में होने वाले मतदान के पहले चरण की अधिसूचना मंगलवार को जारी की गई। पहले चरण के लिए मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और तीसरे और अंतिम चरण के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। इस बीच, निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए तैनात किए जा रहे अपने 400 से अधिक पर्यवेक्षकों को चुनावी प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाले फर्जी विमर्शों के प्रति सतर्क रहने और त्वरित जवाब सुनिश्चित करने की सलाह दी है। पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जोर देकर कहा है कि आयोग के प्रतिनिधियों के रूप में उनसे पेशेवर तरीके से आचरण करने और उम्मीदवारों और जनता सहित सभी हितधारकों के लिए सुलभ होने की उम्मीद की जाती है। उन्होंने पर्यवेक्षकों को भाषा की बाधाओं को दूर करने और यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी कि संचार में कोई खामी न हो। उन्होंने पर्यवेक्षकों को याद दिलाया कि वे पार्टियों, उम्मीदवारों, मतदाताओं और निर्वाचन आयोग की चौकस निगाहों में होंगे। हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में करीब 200 सामान्य पर्यवेक्षक, 100 पुलिस पर्यवेक्षक और इतने ही व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए जा रहे हैं। सीईसी कुमार ने अधिकारियों को निर्वाचन प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाले झूठे विमर्शों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी।