By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 26, 2020
नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से जुटायी गयी राशि के दुरूपयोग को लेकर बिड़ला पैसेफिक मेडस्पा लि., यशोवर्धन बिड़ला और आठ अन्य को प्रतिभूति बाजार में किसी प्रकार की खरीद-बिक्री को लेकर दो साल के लिये प्रतिबंधित कर दिया है। बिड़ला पैसेफिक मेडस्पा लि. (बीपीएमएलए) मार्च 2011 में सार्वजनिक निर्गम को लेकर पेशकश दस्तावेज लायी थी। कंपनी का 65 करोड़ रुपये का आईपीओ जून 2011 में आया था। नियामक ने पाया कि कंपनी ने आईपीओ से जुटायी जाने वाली राशि के उपयोग के उद्देश्य के संदर्भ में विवरण पुस्तिका में गलत जानकारी दी थी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि पेशकश दस्तावेज में आईपीओ से प्राप्त राशि में से करीब 75 प्रतिशत का उपयोग एवाल्व मेडस्पा सेंटर स्थापित करने में किया जाना था। लेकिन इस प्रकार का कोईकेंद्र स्थापित नहीं किया गया।
दस्तावेज में इस प्रकार के 15 केंद्रों को मार्च 2012 तक स्थापित करने का वादा किया गया था लेकिन उस समय तक एक भी केंद्र स्थापित नहीं किया गया। सेबी के अनुसार इसके उलट आईपीओ के जरिये जुटायी गयी राशि का 50 प्रतिशत (31.54 करोड़ रुपये) समूह की कंपनियों में अंतर-कंपनी जमा (आईसीडी) के रूप में डाल दियागया। इसमें से 60 प्रतिशत आइसीडी कंपनी को लौटा ही नहीं। यह पेशकश दस्तावेज में आईपीओ लाने के मकसद के विरूद्ध था। दस्तावेज में अंतरिम तौर पर राशि तुंरत भुनाने वाले उत्पादों(लिक्वंड उत्पाद) में लगाने की मंजूरी दी गयी थी। इसमें आईसीडी में पैसा लगाने की बात बिल्कुल नहीं थी। सेबी ने कहा, ‘‘सचाई यह है कि आईपीओ से प्राप्त राशि एवाल्व सेंटर खोलने में लगाने के बजाए को बीपीएमएल की समूह कंपनियों के आईसीडी में लगाया गया। जबकि दस्तावेज में इसके बारे में कोई सूचना नहीं थी...।’’ कंपनी ने यह करके आईसीडीआर (पूंजी निर्गम और खुलासा आवश्यकता) नियन के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसके अनुसार सेबी ने कंपनी, यशोवर्धन बिड़ला और आठ अन्य लोगों पर प्रतिभूति बाजार में खरीद-बिक्री समेत किसी प्रकार के सौदा करने से दो साल के लिये प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं एक अन्य व्यक्ति को पूंजी बाजार से छह महीने के लिये प्रतिबंधित किया गया है। आदेश के अनुसार इन लोगों ने बिड़ला पैसेफिक मेडस्पा की विवरण पुस्तिका पर दस्तखत किये थे।