मुस्लिम पक्षकारों के वकील को श्राप देने वाले ने SC में जताया खेद, अवमानना मामला बंद

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 19, 2019

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मुस्लिमों पक्षकारों के लिए पेश होने को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को आपत्तिजनक पत्र लिखने के कारण, 88 वर्षीय सेवानिवृत्त लोक सेवक के खिलाफ चल रहा अवमानना का मामला बृहस्पतिवार को बंद कर दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि एन षणमुगम ने धवन को लिखे पत्र में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए उच्चतम न्यायालय में खेद व्यक्त किया। न्यायमूर्ति गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी पीठ में शामिल हैं। पीठ ने कहा कि सेवानिवृत्त लोकसेवक दोबारा इस प्रकार का काम नहीं करें।

इसे भी पढ़ें: अयोध्या विवाद: 18 अक्टूबर तक पूरी होगी सुनवाई, नवंबर में आ सकता है फैसला

धवन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल सेवानिवृत्त लोकसेवक को सजा नहीं दिलवाना चाहते हैं, लेकिन देश में सभी को यह संदेश भेजा जाना चाहिए कि किसी भी पक्ष के लिए पेश हुए किसी भी वकील को डराया नहीं जाना चाहिए। षणमुगम की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह धवन को लिखे पत्र में इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करने को लेकर खेद व्यक्त कर रहे है। न्यायालय ने धवन की अवमानना याचिका पर षणमुगम को तीन सितंबर को नोटिस जारी किया था। षणमुगम ने एक पत्र में धवन को कथित रूप से डराने की कोशिश करते हुए कहा था कि ‘भगवान राम’ के खिलाफ मुस्लिम पक्षकारों की ओर मामला रखने के कारण उन्हें कोई शारीरिक परेशानी हो सकती है।

 

प्रमुख खबरें

Delhi की हालत देख परेशान हुए उपराज्यपाल, Arvind Kejriwal ने दिया आश्वासन, कहा- कमियों को दूर करेंगे

PM Modi को Kuwait के सर्वोच्च सम्मान द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से किया गया सम्मानित

PM Narendra Modi के कुवैत दौरे पर गायक मुबारक अल रशेद ने गाया सारे जहां से अच्छा

Christmas Decoration Hacks: क्रिसमस सजावट के लिए शानदार DIY हैक