सर्दी में नंगे होने का जोश और होश (व्यंग्य)

By संतोष उत्सुक | Jan 14, 2021

रिकॉर्ड जमाऊ शानदार सर्दी में एक अधनंगे से मुलाक़ात हो गई। अच्छी सूझबूझ के साथ अगर आंकड़े जारी करने हों तो उसे लगभग नंगा या नंगा भी गिन सकते हैं। नंगा बंदा देखकर काफी कपड़े पहने हुए व्यक्ति को भी सर्दी ज़्यादा लगने लगती है। मुझे सर्दी ज्यादा लगने लगी मगर लड़खड़ाते लबों से बात हो गई, आप इतनी सर्दी में नंगे घूम रहे हो, आपको देखकर मुझे लगने वाली ठंड बढती जा रही है, बीमार हो जाओगे।  उसने मानो बिना मास्क लगाए जवाब दिया, मेरा व्यवसाय ही नंगई है जिसे मैं ईमानदारी, कर्मठता व पूरी पारदर्शिता से करता हूं इसीलिए कुछ नहीं होगा। आपने पांव से सिर तक काफी कुछ ढका हुआ है, हाथों में भी दस्ताने पहन रखे हैं, आप क्या जानो नंगा होना कितना जोशीला होना है।  

इसे भी पढ़ें: वैक्सिन ले लो वैक्सिन...रंग-बिरंगी वैक्सिन (व्यंग्य)

उसके कहने के अंदाज़ से मुझे लगने लगा कि कहीं न कहीं से मैं भी नंगा लग रहा हूं। मैंने फिर कहा, आप इतनी ज़्यादा सर्दी में ऐसे हिस्सों में नंगे हैं जहां से होना नहीं चाहिए। आप समझे नहीं, यह मेरे व्यवसाय का मूल हिस्सा है, इसके कारण ही मेरी आमदनी होती है। यदि शरीर के ये हिस्से न दिखाऊं तो अपनी दुकान बंद हो जाए। विषय बदलते हुए मैंने पूछा आपकी सामाजिक हैसियत क्या है। वह बोला आ गए न असली सवाल पर, आजकल बेशर्मी ही सोशल स्टेटस है वही मेरा भी है।


आप राजनीतिज्ञ हो या....? कृपया ऐसा न कहें, आजकल स्पष्ट, साफ़ सुथरा, खुला बोलने का ज़माना नहीं है। वास्तव में मैं स्वादिष्ट खिचड़ी हूं, एक बढ़िया पेय भी हूं। ध्यान से देखेंगे तो समझ पाएंगे कि मेरे अंदर कितना कुछ छिपा हुआ भी दिख तो रहा है। आप कहो तो मैं पूरा नंगा भी हो सकता हूं। मुझे अब और ठंड लगने लगी थी, क्या आप सचमुच और नंगे हो सकते हो? उसने कहा, हां अभी तक तो मेरा शरीर ही नंगा है, आप चाहें तो नंगेपन की प्रतिशतता बढ़ा सकता हूं इतनी कि आपको शर्म आने लगेगी। उसकी बात ठीक थी, नंगे होने वालों की शर्म खत्म हो जाती है और देखने वालों की बढती जाती है।

इसे भी पढ़ें: ओवर स्मार्टियत की वैक्सिन कब ? (व्यंग्य)

वह बोला, आप भूल गए कि हम सब पैदा नंगे ही हुए थे। उसने मुझ पर व्यंग्य किया, इतने सारे कपड़े पहनकर आप भी कहीं न कहीं से नंगे माने जा सकते हो, दिमाग, बुद्धि या व्यवहार से नंगे कहे जा सकते हो। जो अपने आप को नंगा नहीं मानते, शानदार महंगे रंगीन और नमकीन कपड़े पहनते हैं वास्तव में वे भी नंगे हो सकते हैं। उसने मानो मास्क लगाकर घोषणा की कि वह और नंगे भी इक्कठे कर सकता है।  मैंने पूछा क्या आप कलाकार हो तो वह बोला, हो सकता है, लेकिन पहले जैसा कलाकार नहीं हूं जो सामाजिक, व्यक्तिगत, पारिवारिक धारणाओं व अनुशासन का ख्याल रखते थे, मुझे तो प्रसिद्धि और पैसा चाहिए, सबका ध्यान चाहिए। मुझे नंगा होने, पूरा नंगा होने में कोई शर्म नहीं। बिल्कुल सही कहा, जो एक बार नंगा हो जाता है दूसरी बार उसे शर्म नहीं आती और किसी भी तरह की ठंड पास फटकने से शर्माती है।


- संतोष उत्सुक

प्रमुख खबरें

अब इंस्टाग्राम पर WhatsApp की तरह लोकेशन शेयर कर सकते है, जानें यह फीचर कैसे काम करेगा

महाराष्ट्र में EVM के खिलाफ अभियान शुरू करेगी कांग्रेस, कागजी मतपत्रों की वापसी की मांग

RCB से अलग होने के बाद फाफ डुप्लेसी ने शेयर की दिल की बात, जानें क्या लिखा?

ब्रह्मपुराण में कहा गया है कि गोदावरी के तट पर हर चार अंगुल पर तीर्थ हैं