By अनन्या मिश्रा | Dec 14, 2023
देश की आजादी के बाद कांग्रेस परिवार का भारतीय राजनीति में अहम योगदान रहा है। पंडित नेहरु से लेकर उनकी बेटी इंदिरा गांधी और फिर उनकी हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने। वहीं भले ही इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी प्रधानमंत्री पद तक नहीं पहुंच सके, लेकिन उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कई राजनैतिक फैसले लिए थे। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक साल 1973 से लेकर 1977 तक संजय गांधी ने कई ऐसे फैसले लिए। जिन्हें देशवासी आजतक नहीं भूल सके। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 14 दिसंबर को संजय गांधी का जन्म हुआ था। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
नई दिल्ली में 14 दिसंबर 1946 को इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के दूसरे बेटे के तौर पर संजय गांधी की जन्म हुआ था। संजय गांधी देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी के छोटे भाई थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने लगे। इसके साथ ही उन्होंने इंग्लैंड में रॉल्स रॉयस में तीन एप्रेंटिसशिप भी की। संजय गांधी को स्पोर्ट्स कारों में खास इंट्रेस्ट था। वहीं साल 1976 में उनको पायलट का लाइसेंस भी मिल गया था।
अहम राजनीतिक फैसले
इंदिरा गांधी के बाद उनके छोटे बेटे यानी की संजय गांधी को उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जाता था। बता दें कि जब देश में 25 जून को आपातकाल की घोषणा की गई। तो उसके ढाई साल बाद तक देश की बागडोर को संजय गांधी ने अपने हाथों में रखा। वहीं साल 1976 में पुरुष नसबंदी की घोषणा गई, ताकि जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सके। यह फैसला आज भी हमारे देश के बुजुर्गों को याद है। बताया जाता है कि इस फैसले के पीछे भी संजय गांधी थे।
देश में मारुति 800 लाने का श्रेय
जहां एक ओर संजय गांधी को नसबंदी जैसे दमनकारी फैसले के लिए जाना जाता था। तो वहीं देश में मारुति 800 लाने का श्रेय भी उनको ही दिया जाता है। उनका सपना था कि देश में आम लोगों के पास कार हो। इसके लिए संजय गांधी ने दिल्ली के गुलाबी बाग में एख वर्कशॉर की तैयार करवाई थी। वहीं साल 1971 में मारुति मोटर्स लिमिटेड नामक एक कंपनी का गठन किया गया। जिसके एमडी खुद संजय गांधी थे।
संजय-मेनका की मुलाकात
मेनका गांधी से शादी से पहले संजय गांधी के जीवन में दो अन्य लड़कियों ने भी दस्तक दी थी। लेकिन किसी अनबन के चलते वह रिश्ता खत्म हो गया। इसके बाद एक दोस्त की शादी में संजय की मुलाकात मेनका से होती है। जब मेनका संजय से मिली थीं, तो उनकी उम्र महज 17 साल थी और संजय उनके करीब 10 साल बड़े थे। मुलाकात के बाद दोनों के बीच दोस्ती हुई और बाद में यह दोस्ती प्यार में बदल गई। 23 दिसंबर 1974 को संजय और मेनका ने शादी कर ली।
राजनीतिक कॅरियर
देश में आपातकाल खत्म होने के बाद साल 1977 में संजय गांधी पहली बार चुनाव में खड़े हुए थे। उस दौरान उनको अपने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में हार का सामना करना पड़ा था। हार का कारण आपातकाल था। जिसके कारण जनता कांग्रेस से खफा थी। वहीं साल 1980 में संजय गांधी ने आम चुनावों में अमेठी से जीत हासिल की थी।
मौत
अपनी शादी के करीब 6 साल बाद संजय गांधी की विमान हादसे में मौत की खबर सुन पूरा देश सहम गया था। बता दें कि 23 जून 1980 को सुबह के समय सफदरगंज के दिल्ली फ्लाइंग क्लब से संजय गांधी और फ्लाइंग क्लब के पूर्व इंस्ट्रक्टर सुभाष सक्सेना ने उड़ान भरी। कुछ देर तक विमान हवा में कलाबाजियां दिखा रहा था। इसी दौरान विमान के पिछले इंजन ने काम करना बंद कर दिया। जिसकी वजह से विमान अशोक होटल के पीछे खाली पड़ी जमीन से जाकर टकराया। इस हादसे में संजय गांधी और सुभाष सक्सेना की मौत हो गई थी।