संघ किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि धर्म और राष्ट्र के उत्थान में सहयोगी है : भागवत

FacebookTwitterWhatsapp

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 18, 2022

संघ किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि धर्म और राष्ट्र के उत्थान में सहयोगी है : भागवत

भोपाल|  स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने रविवार को कहा कि संघ किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि धर्म और राष्ट्र के उत्थान हेतु कार्यरत विभिन्न संगठनों, संस्थाओं और व्यक्तियों का सहयोगी है। उन्होंने प्रज्ञा प्रवाह द्वारा आरएसएस की यहां दो दिवसीय अखिल भारतीय चिंतन बैठक में अंतिम दिन यह बात कही।

संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार भागवत ने कहा कि सत्य, करुणा, शुचिता और परिश्रम सभी भारतीय धर्मों के मूलभूत गुण हैं। संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘हम एकांत में साधना और लोकांत में सेवा करते रहें। धर्म की रक्षा धर्म के आचरण से होती है। हमारे गुण और धर्म ही हमारी संपदा तथा हमारे अस्त्र-शस्त्र हैं।’’

भागवत ने कहा कि संघ किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि धर्म व राष्ट्र के उत्थान हेतु कार्यरत विभिन्न संगठनों, संस्थाओं व व्यक्तियों का सहयोगी है।

उन्होंने आह्वान किया कि सभी सुनियोजित रूप से परस्पर सहयोग करते हुए एक श्रेष्ठ मानवता का निर्माण करें। इससे पहले इस बैठक में हिंदुत्व एवं राजनीति पर चर्चा करते हुए एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष तथा एकात्म मानव दर्शन के वरिष्ठ अध्येता महेश चंद्र शर्मा ने कहा हमारा राष्ट्रवाद भौगोलिक न होकर भू-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है।

विश्व की राजनैतिक राष्ट्र रचना का मानवीकरण होना है, तो इसका हिंदूकरण होना आवश्यक है। शर्मा ने कहा कि संविधान का बहिष्कार नहीं, पुरस्कार भी नहीं, बल्कि परिष्कार होना चाहिए। लोकतंत्र का भारतीयकरण करते हुए हमें धर्मराज्य स्थापित करने की दिशा में प्रयत्न करने चाहिए।

एकात्म मानव दर्शन में व्यष्टि, समष्टि, सृष्टि तथा परमेष्ठी एक ही मानव इकाई में समाहित हैं। हिंदुत्व के वैश्विक पुनर्जागरण पर प्रबुद्ध विचारक राम माधव ने कहा कि हिंदुत्व जीवन शैली नहीं, बल्कि जीवन दृष्टि है, जीवन दर्शन है। उन्होंने बताया कि कैसे सनातन धर्म संपूर्ण विश्व में पहुंचा तथा उसकी वर्तमान स्थिति क्या है। आज कैसे विभिन्न आध्यात्मिक संगठनों के माध्यम से हिंदू धर्म विभिन्न देशों में पहुंच रहा है तथा उसका आकर्षण दिनों-दिन बढ़ रहा है।

माधव ने कहा कि वर्तमान वैश्विक समस्याओं का समग्र समाधान हिंदू धर्म ही देता है, चाहे वह पर्यावरण की समस्या हो, स्वास्थ्य समस्या हो अथवा तकनीकी की समस्या हो। विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रज्ञा प्रवाह द्वारा आरएसएस की अखिल भारतीय चिंतन बैठक रविवार को भोपाल में संपन्न हुई।

इस दो दिवसीय चिंतन बैठक में भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे नंद कुमार तथा अनेक बौद्धिक एवं वैचारिक संगठनों व संस्थाओं के वरिष्ठ प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

विज्ञप्ति के मुताबिक सामाजिक-सांस्कृतिक विषयों के विमर्श मंथन क्रम में प्रज्ञा प्रवाह द्वारा समय-समय पर ऐसी बैठकों का आयोजन किया जाता है।

प्रमुख खबरें

Jan Gan Man: Waqf Bill का विरोध कर रहे लोग जरा इस विधेयक के प्रावधानों को यहां पढ़ लें, मन का सारा गुस्सा ठंडा हो जायेगा

साउथ अफ्रीका के व्हाइट बॉल कोच ने दिया इस्तीफा, रॉब वाल्टर के कार्यकाल में ऐसा रहा टीम का प्रदर्शन

अर्शदीप सिंह ने बताया IPL 2025 में पंजाब किंग्स का क्या है लक्ष्य? जानें यहां

जलवायु परिवर्तन और न्यायिक सुधार, संसद में क्यों उठे ये दोनों मुद्दे, इनके बारे में जानें