By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 30, 2021
धारवाड़ (कर्नाटक| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में अपना आधार बढ़ाने के लिए संघ की ओर से अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के अभियान में शामिल हुए स्वयंसेवकों को स्थायी सदस्यता देने पर विचार कर रहा है।
यह जानकारी संघ के एक शीर्ष पदाधिकारी ने शुक्रवार को दी। संघ ने पर्यावरण, पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न समुदायों और धर्मों के बीच समाजिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने पर भी जोर देने का फैसला किया है।
कर्नाटक के धारवाड़ में चल रही अखिल भारतीय कार्यकारी मंड़ल बैठक में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई है, उसकी जानकारी देते हुए संघ के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि अधिकतर परिवारों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित करते हुए संघ, श्री राम जन्मभूमि न्यास के चंदा एकत्र करने के अभियान से जुड़ा था।
कुमार ने कहा, ‘‘धन एकत्रित करना हमारा उद्देश्य नहीं था क्योंकि राममंदिर न्यास के पास पहले ही वह है। हमारा लक्ष्य अधिकतर लोगों तक पहुंचना था जो राम मंदिर के लिए योगदान देना चाहते थे।’’ उन्होंने बताया कि इस साल 14 जनवरी को मकर संक्राति को शुरू हुए एक महीने के अभियान में संघ और अन्य स्वयंसेवक देश के अनुमानित 6.5 लाख गांवों में से 5.34 लाख गांवों तक पहुंचे।
इसके अलावा वे प्रत्येक शहरी इलाके में पहुंचे। संघ पदाधिकारी ने बताया कि संघ अन्य व्यक्तियों की मदद से करीब 12.73 करोड़ परिवारों तक पहुंचा और इस अभियान में संघ के स्वयंसेवकों के अलावा 25 से 30 लाख अन्य लोगों ने हिस्सा लिया।
कुमार ने बताया कि संघ के निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में मार्च में इस बात की चर्चा हुई थी कि क्या जिन्होंने चंदा एकत्र करने के अभियान में हिस्सा लिया था वे संगठन का हिस्सा हो सकते हैं कि नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने उन्हें स्थायी रूप से हमसे जुड़ने का मौका देकर संगठन के विस्तार के बारे में सोचा। हमारी योजना शाखा और मंडली खोलने की थी। इसकी समीक्षा बैठक के आखिरी दो दिन हुई।