Same-sex marriage: उच्चतम न्यायालय में चौथे दिन हाइब्रिड तरीके से सुनवाई

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 25, 2023

नयी दिल्ली। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई के चौथे दिन उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ के दो सदस्यों ने सुनवाई में ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा अदालत कक्ष में उपस्थित रहे जबकि न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एस आर भट ने ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई में भाग लिया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हमारे पास आज सुनवाई के लिए हाइब्रिड संविधान पीठ होगी क्योंकि न्यायमूर्ति कौल बीमारी से उबर रहे हैं। न्यायमूर्ति भट शुक्रवार को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। इसलिए वे वर्चुअल तरीके से शामिल हुए हैं।’’

उन्होंने न्यायमूर्ति कौल से यह भी कहा कि अगर वह चाहें तो पीठ बीच में संक्षिप्त विराम ले लेगी ताकि वह दिन भर चलने वाली सुनवाई के दौरान कुछ राहत महसूस कर लें। मामले में चौथे दिन सुनवाई बहाल होने पर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने दलीलें रखीं। न्यायमूर्ति भट ने कहा कि उन्होंने देखा है कि संविधान की ‘‘मूल संरचना’’ की महत्वपूर्ण अवधारणा देने वाले ऐतिहासिक केशवानंद भारती मामले में पूरे फैसले समेत दस्तावेजों के चार से पांच खंड मामले में दाखिल किए गए है। सीजेआई ने पूछा, ‘‘हमने उच्चतम न्यायालय के वेब पेज पर केशवानंद भारती मामले के सभी खंड तथा उसे जुड़ा सबकुछ जारी किया है। इसे यहां किसने शामिल किया?’’

इसे भी पढ़ें: Muslims के लिए 4% reservation खत्म करने का फैसला नौ मई तक लागू नहीं होगा: न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर 20 अप्रैल को सुनवाई में कहा था कि सहमति से बने समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के बाद वह अगले कदम के रूप में शादी की विकसित होती धारणा को फिर से परिभाषित कर सकता है। पीठ इस दलील से सहमत नहीं थी कि विषम लैंगिकों के विपरीत समलैंगिक जोड़े अपने बच्चों की उचित देखभाल नहीं कर सकते। बहरहाल, केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं ‘‘शहरी संभ्रांतवादी’’ विचारों को प्रतिबिंबित करती हैं और विवाह को मान्यता देना अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, जिस पर अदालतों को फैसला करने से बचना चाहिए।

प्रमुख खबरें

Prabhasakshi Newsroom | Nitish Kumar की चुप्पी, Tejashwi Yadav ऐक्टिव और Rahul Gandhi का बिहार दौरा! Bihar Politics

बिहार में लोकतंत्र को लाठीतंत्र में बदल दिया गया है... BPSC अभ्यर्थियों के प्रोटेस्ट को प्रशांत किशोर ने किया सपोर्ट

Uttar Pradesh कांग्रेस भी गमगीन, मनमोहन सिंह को बताया अपना मार्गदर्शक

Manmohan Singh के निधन पर उत्तर प्रदेश में सात दिनों का राजकीय शोक, मनमोहन सिंह के लिए यूपी था विशेष