By अंकित सिंह | Jan 03, 2025
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के मुख्य आरोपी समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क के खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार कर दिया, जो भीड़ द्वारा एक मस्जिद सर्वेक्षण का विरोध करने के बाद भड़क गई थी। हालांकि, हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि फिलहाल सांसद को गिरफ्तार न किया जाए। संभल में उस समय बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी जब सैकड़ों लोगों ने एक स्थानीय अदालत द्वारा एक याचिका पर दिए गए सर्वेक्षण का विरोध किया, जिसमें दावा किया गया था कि मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के निर्माण के लिए एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोप लगाया कि बर्क ने हिंसा से पहले इलाके का दौरा किया था और उनके भाषणों से अशांति भड़की थी। एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि बर्क ने राजनीतिक लाभ के लिए संभल में सांप्रदायिक हिंसा भड़काई थी, जो उनका निर्वाचन क्षेत्र है। हालांकि, सांसद और उनकी पार्टी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और भाजपा पर हिंसा भड़काने और समाजवादी पार्टी के सांसद को गैरकानूनी तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया। न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति अज़हर हुसैन इदरीसी ने कहा कि बर्क के खिलाफ जांच जारी रहेगी।
पीठ ने कहा कि सांसद के खिलाफ दर्ज आरोपों में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है और पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए जांच दल के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी कर सकती है। हाईकोर्ट ने सांसद को जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया। मामले में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं और अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बर्क के अलावा स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल भी आरोपी हैं।