By अनुराग गुप्ता | Jul 19, 2021
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन का नवंबर के आखिरी सप्ताह से जारी है और अब इसकी गूंज संसद में सुनाई दे रही है। बता दें कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही किसान आंदोलन को विपक्षी दलों ने प्रमुखता से उठाया। इसी बीच शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, हरसिमरत कौर बादल समेत तमाम नेता हाथों में तख्तियां लिए हुए दिखाई दिए। जिसमें लिखा है कि 'अन्नदाता के साथ इंसाफ करो, तीनों किसानी कानून वापिस लो।' वहीं शिअद प्रमुख ने सभी विपक्षी दलों से एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की अपील की।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि देश के किसान इंसाफ चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सारी पार्टी एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी हों और कानून वापस लेने का दबाव डालें। वहीं दूसरी तरह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी बयान सामने आया।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदनशीलता के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सात महीने से किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बने।