'जब पीएम मोदी ने जेलेंस्की और पुतिन को किया था फोन...' एस जयशंकर ने बताया यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत ने कैसे निकाला

By अंकित सिंह | Oct 17, 2022

रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी से युद्ध की स्थिति लगातार जारी है। दोनों देशों के बीच गोलीबारी का भी दौर भी लगातार जारी है। यूक्रेन में युद्ध संकट के दौरान वहां हजारों भारतीय छात्र फंसे थे। भारत ने ऑपरेशन गंगा के तहत अपने छात्रों को वहां से निकाला। हालांकि, सूमी और ख़ारकिव में फंसे भारतीयों को निकालने में काफी दिक्कतें आ रही थी। ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय छात्रों के निकाले जाने निगरानी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे। आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया है कि आखिर यूक्रेन से फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में भारत कैसे सफल रहा। गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि आप जानते हैं कि 20,000 से ज्यादा विद्यार्थी यूक्रेन में फंसे थे। 

 

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विदेश मंत्री ने आगे कहा कि दो शहर ऐसे थे जहां स्थिति खतरनाक थी। वहां दोनों ओर से फायरिंग हो रही थी। उनमें से एक शहर तो ऐसा था जहां तीन तरह के फोर्स काम कर रहे थे। एक ओर यूक्रेन की आर्मी, दूसरी ओर रूस की और तीसरी ओर आम लोग थे जो हथियार लेकर घूम रहे थे। हमारी ओर से वहां फंसे भारतीयों को निकालने की लगातार कोशिश की जा रही थी। लेकिन जब गोली चलती है तो कोई बाहर नहीं आना चाहता। सूमी में तो हम बस भी ले गए लेकिन वहां गोलीबारी ही शुरू हो गई। फिर हमें बच्चों को वापस भेजना पड़ा। बहुत बार बच्चों को बचाने की लगातार कोशिश हो रही थी। इसके बाद विदेश मंत्री ने कहा कि सूमी और ख़ारकिव की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन को फोन किया। 

 

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विदेश मंत्री ने आगे बताया कि दोनों देशों के राष्ट्रपति को फोन करके प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे बच्चे वहां फंसे हुए हैं। दोनों ही देशों के राष्ट्रपति ने हमें आश्वासन दिया कि तब तक गोलीबारी नहीं होगी जब तक की बच्चे वापस नहीं निकल जाते। इसके बाद हमें बच्चों को वहां से निकालने में सफलता मिली। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने Modi @20 पुस्तक विमोचन के दौरान कहा कि आधार की ताकत को समझने वाले मोदी अकेले सीएम थे। इसके कारण, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण संभव हो सकता है। CoWin पोर्टल, पीएम आवास योजना, पीएम गरीब कल्याण योजना- इसके बिना कुछ भी संभव नहीं होता। 

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