Parliament: Russia-Ukraine war पर विदेश मंत्री ने कहा- खून बहाकर, मासूमों को मारकर नहीं निकल सकता समाधान

By अंकित सिंह | Apr 06, 2022

संसद के दोनों सदनों में आज कामकाज हुआ। हालांकि महंगाई को लेकर आज भी विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा। इन सबके बीच राज्यसभा में अमित शाह ने ‘दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022’ को पेश करते हुए कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयक है जिसका उद्देश्य 100 साल पुराने विधेयक में आज की परिस्थिति के अनुरूप परिवर्तित प्रौद्योगिकी का समावेश करना तथा दोषसिद्धि के प्रमाण को पुख्ता करना है। वहीं, विपक्ष ने इसके विरोध में अपनी दलील दी है। संसद ने त्रिपुरा राज्य से संबंधित ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने इस विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। लेकिन आज संसद की सबसे बड़ी खबर यूक्रेन संकट को लेकर रही। दरअसल यूक्रेन संकट पर हुई चर्चा का जवाब आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया। एस जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष के पूरी तरह से खिलाफ है और तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं, वहीं इस मुद्दे पर यदि उसने कोई पक्ष चुना है तो वह शांति का पक्ष है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। संवाद और कूटनीति किसी भी विवाद का सही समाधान है। 


लोकसभा की कार्यवाही


संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि स्वदेशी 4जी आधारित दूरसंचार नेटवर्क पूरे भारत में लागू किया जायेगा और बीएसएनएल देशभर में करीब 1.12 लाख टॉवर स्थापित करने की योजना बना रहा है। 


लोकसभा में कुछ सदस्यों ने कोविड-19 के हथकरघा क्षेत्र पर पड़े प्रभावों की जानकारी मांगी और सरकार ने कहा कि महामारी का हथकरघा क्षेत्र पर पड़े प्रभाव का आकलन करने के लिये कोई विशेष अध्ययन नहीं किया गया है। लोकसभा में चंद्रशेखर साहू और राहुल रमेश शेवाले के प्रश्न के लिखित उत्तर में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी।

 

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमापति राम त्रिपाठी ने लोकसभा में केंद्र सरकार से आग्रह किया कि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों की तरह सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को भी विभिन्न परीक्षाओं में शुल्क तथा आयुसीमा की छूट दी जाए।


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि जल-जमाव एवं अन्य समस्याओं को देखते हुए देश में रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) को यथासंभव रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान दुलाल चंद गोस्वामी, उदय प्रताप सिंह ने इस विषय पर पूरक प्रश्न पूछते हुए देशभर के रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) में जल-जमाव की समस्या को उठाया और सरकार से इस पर गंभीरता से ध्यान देने की मांग की। 


राज्यसभा की कार्यवाही


राज्यसभा में कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने ब्रिटिशकालीन बंदी शिनाख्त अधिनियम की जगह केंद्र सरकार द्वारा लाये गए विधेयक को अस्पष्ट तथा मौलिक अधिकारों एव मानवाधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए इसे प्रवर समिति अथवा स्थायी समिति में भेजने की मांग की उच्च सदन में ‘दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा ‘‘यह विधेयक हाल में लोकसभा में पारित हुआ है। वहां लगभग सभी विपक्षी दलों ने इसे प्रवर समिति या स्थायी समिति में भेजे जाने की मांग की थी। लेकिन फिर भी इस विधेयक को वहां पारित कर दिया गया। ’’

 

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सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि अत्याचार के कारण घाटी छोड़ने वाले कश्मीरी पंडितों में से 610 लोगों की संपत्ति उन्हें वापस की गयी है और अन्य ऐसे लोगों की संपत्ति लौटाने के लिए वह प्रयासरत है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।


मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणापूर्ण भाषण के बढ़ते मामलों को मुद्दा राज्यसभा में उठाया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय पर नियम 267 के तहत कामकाज स्थगित करने और चर्चा कराने का नोटिस दिया था। 


राज्यसभा में बुधवार को एक सदस्य ने निजी चिकित्सा कॉलेजों की फीस विनियमन करने का मुद्दा उठाया और साथ ही देश में सरकारी चिकित्सा कॉलेजों की संख्या भी बढ़ाने की मांग की। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि देश के सभी चिकित्सा संस्थानों में से सिर्फ 53 प्रतिशत कॉलेज ही सरकारी हैं जबकि शेष 47 प्रतिशत निजी हैं और इनकी संख्या में पिछले कुछ सालों से बढ़ रही है। 

 

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सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि हाथ से मैला ढोने (मैनुअल स्केवेंजिंग) के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होने की कोई रिपोर्ट नहीं है लेकिन पिछले तीन साल के दौरान सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई करते समय हुई दुर्घटनाओं के कारण 161 लोगों की मौत हो गई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने राज्यसभा को पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।

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