By अंकित सिंह | Jul 09, 2022
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। दुनिया में शिंजो आबे की हत्या के बाद हर तरफ शोक का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिंजो आबे की हत्या को लेकर दुख व्यक्त किया था और कहा था कि हमने एक अच्छा दोस्त खो दिया है। आपको बता दें कि शिंजो आबे और नरेंद्र मोदी ने भारत और जापान के रिश्तो को मजबूत करने के लिए एक साथ मिलकर कई बड़े काम किए हैं। यही कारण रहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे की हत्या के बाद देश में शनिवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी। सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्ष सभी शिंजो आबे की हत्या को लेकर काफी दुखी नजर आ रहे हैं।
इन सब के बीच भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर आज जापान के दूतावास पहुंचे। उन्होंने शिंजो आबे की हत्या पर जापान के राजदूत सतोशी सुजुकी को अपनी संवेदना व्यक्त की है। इसको लेकर एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे की हत्या पर राजदूत सतोशी सुजुकी को अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए आज जापान के दूतावास का दौरा किया। उन्होंने आगे लिखा कि दो दशकों से अधिक समय से शिंजो आबे हमारे बढ़ते संबंधों का प्रतीक रहे हैं। इसकी कई प्रमुख पहल उनके व्यक्तिगत प्रयास थे। उन्होंने हमारे संबंधों को स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के व्यापक वैश्विक संदर्भ में रखा। विदेश मंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर, वह अनुग्रह और विचार के प्रतिमूर्ति थे। मैंने खुद वर्षों से उनकी गर्मजोशी का अनुभव किया है। हम जापान के लोगों के गहरे दुख में शामिल होते हैं और श्रीमती अकी आबे को अपना समर्थन और सहानुभूति व्यक्त करते हैं।
वहीं, जापान के राजदूत ने भी एस जयशंकर के इस दौरे को लेकर उनकी सराहना की है। जापान के राजदूत ने ट्वीट कर लिखा कि पूर्व प्रधान मंत्री आबे के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए मेरे पास आने के लिए डॉ एस जयशंकर की हृदय से सराहना करते हैं। इस चौंकाने वाली त्रासदी पर एक साथ शोक व्यक्त करते हुए, हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाते हुए उनकी विरासत को जारी रखेंगे। वहीं, नरेन्द्र मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें एक महान वैश्विक राजनेता, भारत-जापान मित्रता का एक महान पैरोकार और एक प्रिय एवं घनिष्ठ मित्र बताया, जिनके मार्गदर्शन ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें आर्थिक प्रगति के लिए प्रेरित किया।