By अभिनय आकाश | Sep 10, 2024
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत चीन के साथ व्यापार करने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन इस बात को भी चिन्हित किया कि मुद्दा किस क्षेत्र में और किन शर्तों को लेकर है। बर्लिन में एक सम्मेलन में विदेश मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब चीन ने 2020 की सीमा झड़पों के बाद तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद 2023-2024 में अमेरिका को पीछे छोड़ नई दिल्ली का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। हालाँकि भारत ने बाद में वीज़ा पर अंकुश लगा दिया, लेकिन नई दिल्ली और बीजिंग के बीच वाणिज्यिक गतिविधियाँ पिछले वर्षों में बढ़ी हैं।
वार्षिक राजदूत सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक प्रीमियम निर्माता है। हम चीन से व्यापार करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसा कोई नहीं है जो कह सके कि मैं चीन के साथ व्यापार नहीं करूंगा। मुझे लगता है कि मुद्दा यह है कि आप किन क्षेत्रों में व्यापार करते हैं और किन शर्तों पर व्यापार करते हैं। इसमें ब्लैक एंड व्हाइट जैसा कुछ नहीं है।' इस सम्मेलन में जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक और दिल्ली में जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि 2024 वित्तीय वर्ष के अंत में दोनों पड़ोसियों के बीच माल का व्यापार 118.41 बिलियन डॉलर था, बीजिंग ने तीन साल बाद नई दिल्ली के शीर्ष व्यापारिक भागीदार के रूप में अपना स्थान फिर से हासिल कर लिया। इसमें से चीन से भारतीय आयात 101.74 बिलियन डॉलर था, जबकि इसका निर्यात लगभग 16.66 बिलियन डॉलर था।