By अभिनय आकाश | Feb 10, 2025
रूस ने भारत को एक ऐसा आकर्षक ऑफर दिया है, जिसने कई देशों को हैरान कर दिया है। रूस ने भारत को अपना सबसे लेटेस्ट और खतरनाक एसयू 57 लड़ाकू विमान बेचने का ऑफर दिया है। इस ऑफर को और भी शानदार बनाने के लिए रूस ने कहा है कि वो भारत को एसयू 57 की टेक्नोलॉजी भी दे देगा। एसयू 57 एक पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जिसकी भारत को सख्त जरूरत है। रूस जानता हैकि चीन फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट बना चुका है और भारत इस रेस में पीछे छूट रहा है। रूस को ये भी अच्छे से पता है कि भारत पर दबाव बनाकर अमेरिका अपना पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान एफ-35 भारत को बेचना चाहता है। कुछ रूसी एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत पर एफ 35 खरीदने का दबाव बनाने के लिए अमेरिका ने भारत के तेजस लड़ाकू विमानों के प्रोडक्शन को लटका दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि तेजस फाइटर जेट्स के इंजन अमेरिका से ही आने हैं। लेकिन अमेरिका इसमें देरी कर रहा है। अगर भारत एफ-35 के लिए हां कर देता है तो उसे तेजस का इंजन भी मिल जाएगा। आपको बता दें कि तेजस 4.5 जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। मगर रूस चाहता है कि भारत अमेरिका के दबाव में न आए। हमेशा की तरह रूसी हथियारों पर ही भरोसा करे। रूस ने कहा है कि अगर भारत पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान एसयू 57 खरीदता है तो हम उसकी टेक्नोलॉजी भी भारत के साथ शेयर करेंगे। रूस का मानना है कि एसयू-57 अमेरिका के एफ-35 से कई गुणा बेहतर है। ठीक वैसे ही जैसे रूस का एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका के थर्ड से बेहतर है।
एएमसीए पर भारत कर रहा काम
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना जल्द ही 100 से ज्यादा जेट्स खरीदने की योजना पर काम कर रही है। भारतीय एयर फोर्स फिलहाल फाइटर जेट्स की भारी कमी से जूझ रही है। वैसे तो भारत खुद 5.5 जेनरेशन का लड़ाकू विमान बनाने में लगा हुआ है। जिसका नाम एएमसीए यानी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट है। लेकिन एएमसीए का प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार होगा। इसका प्रोडक्शन 2035 से शुरू हो पाएगा। लेकिन ये इंतजार काफी लंबा है। भारत को कुछ पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट अभी चाहिए।
मल्टीरोल फाइटर जेट है एसयू-57
सुखोई एसयू-57 एक ट्विन इंजन, सिंगल सीट, स्टील्थ मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है। इसे सुखोई डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन और सुखोई ने निर्मित किया है। एसयू-57 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट होने के कारण कई तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है। Su-57 में स्टील्थ, सुपरमैन्युवरेबिलिटी, सुपरक्रूज़, एकीकृत एवियोनिक्स और बड़ी पेलोड क्षमता शामिल है। इस विमान के रूसी सैन्य सेवा में मिग-29 और एसयू-27 की जगह लेने की उम्मीद है।