बिजबहेरा। अशांति से ग्रस्त कश्मीर में एक शहीद सैनिक की शहादत पर दुर्लभ शोक प्रदर्शन के तहत शुक्रवार को हजारों नागरिकों ने लांस नायक गुलाम मोहिउद्दीन राथेर को अश्रूपूरित नेत्र से श्रद्धांजलि दी। वह गुरुवार को आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले में शहीद हो गये थे। अपने बेटे आहिल का जन्मदिन मनाकर पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के बिजबहेरा के मारहामा मोहल्ला के अपने घर से जब यह वीर सैनिक निकला था तब लोगों को बमुश्किल पता था कि उनकी तकदीर में क्या लिखा है।
शुक्रवार को जब तिरंगे में लिपटा उनका शव अंतिम संस्कार के लिए लाया गया तब इलाके में शोक की लहर दौड़ गयी। वह गुरुवार को शोपियां जिले में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किये गये हमले में शहीद हुए थे। इस मुठभेड़ में दो अन्य सैनिक और एक महिला की भी जान गयी थी। चौंतीस वर्षीय राथेर 4 जम्मू कश्मीर लाइट इंफैंट्री का हिस्सा थे और राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। राथेर का पार्थिव शरीर उनकी पत्नी शाहजादा अख्तर और अन्य रिश्तेदारों ने ग्रहण किया। जब सेना के अधिकारी और जवान पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे तब वहां काफी लोग मौजूद थे।
सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वह साहसी सैनिक थे जिन्होंने सेना की श्रेष्ठ परंपराओं को अक्षुण्ण रखा।’’ श्रीनगर के कोर मुख्यालय में राथेर के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया गया जहां सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी मौजूद थे। पार्थिव शव को फिर एक विशेष वाहन से राथेर के घर ले जाया गया।