Chai Par Sameeksha: संसद में सत्ता पक्ष भारी पड़ा या विपक्ष, NDA दिखा मजबूत या INDIA ने दिखाया दम

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By अंकित सिंह | Apr 07, 2025

Chai Par Sameeksha: संसद में सत्ता पक्ष भारी पड़ा या विपक्ष, NDA दिखा मजबूत या INDIA ने दिखाया दम

प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमेशा की तरह हमने सप्ताह की बड़ी खबरों पर चर्चा की। इस सप्ताह हमने संसद सत्र और वक्फ बिल को लेकर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे। नीरज दुबे ने कहा कि बहुत अच्छा लगा कि इतनी देर रात तक संसद चली। जोरदार बहस देखने को मिली। उन्होंने कहा कि कोई विधेयक इतनी बड़ी चर्चा के बाद पारित हो तो इससे बड़ी बात कुछ हो ही नहीं सकती है। सांसदों ने पूरी तैयारी के साथ अपनी बात रखी। बजट सत्र संसद के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा। कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि संसद में इस बार जिस तरीके से काम हुआ, उससे यह पता चलता है कि सांसदों को जिस काम के लिए जनता ने चुना है वह काम करते हुए नेता दिखाई दे रहे हैं। सरकार और विपक्ष दोनों ने भी चाहा कि संसद चले और इसका सकारात्मक परिणाम हमने देखा है।


नीरज दुबे ने कहा कि सरकार चाहे तो आराम से कोई भी विधेयक पारित करा सकती है। लेकिन अगर चर्चा हो तो वह अच्छा होता है और इसलिए विपक्ष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। वक्फ बिल पर हमने देखा की पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया गया। जेपीसी बनाई गई। उसकी अलग-अलग बैठक हुई। उसके बाद संसद में इतनी लंबी-लंबी चर्चा हमने देखी। यह भारत के मजबूत लोकतंत्र को दर्शाता है। नीरज दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री के उस बयान को याद कीजिए जब उन्होंने संसद सत्र से पहले संबोधन दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं हैरान हूं कि कोई विदेशी चिंगारी इस बार के सांसद सत्र से पहले नहीं आई है। ऐसे में हमने देखा है कि कैसे इस बार संसद पूरी तरीके से निर्बाध तरीके से चला है। हालांकि, आखिरी दिन सोनिया गांधी की टिप्पणी से बवाल हो गया। 

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नीरज दुबे के मुताबिक सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के नेताओं की बैठक में कहा कि वक्फ बिलकुल जबरदस्ती पास कराया गया। नीरज दुबे ने कहा कि यह जबरन कैसे पास हो सकता है। संसद में इतनी लंबी चर्चा हुई। आप खुद इतनी अनुभवी राजनेता रही हैं। ऐसे में अपने संसदीय परंपरा का अपमान किया है। संसद सत्र के दौरान विदेशी चिंगारी नहीं आई, लेकिन आखिर क्षणों में सोनिया गांधी के इस बयान को लेकर विवाद बढ़ गया। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस पर आपत्ति जताई। इसके अलावा कांग्रेस नेताओं की ओर से यह कहा गया कि संसद को मोदी का दरबार बना दिया गया है। नीरज दुबे ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। यह हमारे लोकतंत्र का अपमान है। कांग्रेस इतनी पुरानी पार्टी है। लेकिन कांग्रेस इस तरीके का आरोप लगा रही है यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद लोकतांत्रिक परंपराओं से चलता है। अगर आपके मुताबिक संसद न चले तो वह मोदी का दरबार हो गया ऐसा कैसे हो सकता है।


नीरज दुबे ने कहा कि राहुल गांधी के लिए वक्फ बिल पर संसद में बोलना एक बड़ा प्लेटफार्म हो सकता था। प्रियंका गांधी भी इससे दूर रहीं। इससे कहीं ना कहीं कांग्रेस का डबल स्टैंडर्ड दिखाई देता है। नीरज दुबे ने कहा कि केरल की राजनीति को देखते हुए प्रियंका और राहुल गांधी ने अपना दोहरा चरित्र दिखाया क्योंकि अगले साल वहां चुनाव होने हैं। नीरज दुबे ने कहा कि वक्फ बिल को लेकर राजनीति अभी शुरू हुई है। अभी यह बहुत दिनों तक चलेगी। लेकिन सरकार पूरी तैयारी के साथ है और हमने देखा कि कैसे एनडीए पूरी तरीके से एकजुट रहा।

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