भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा की मौत पर सदन में हंगामा विपक्ष का वॉकआउट

By विजयेन्दर शर्मा | Aug 03, 2021

  हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन आज प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही सदन में उस समय हंगामा खडा हो गया ।जब  प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने प्वाइंट आफ ऑर्डर मांगा। इसके बाद कुल्लू से कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर कागजात लहराते हुए नजर आए। कांग्रेस सदस्य भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा की मौत पर चर्चा चाह रहे थे लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने दलील दी कि नियम के तहत ऐसा नहीं हो सकता ।

 

किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने सांसद रामस्वरूप शर्मा की मौत को सीबीआई जांच का मामला सदन में उठाया और नियम 67 के तहत  काम रोको प्रस्ताव के तहत इस पर चर्चा की मांग की। जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूर्व सांसद रामस्वरूप के बेटे ने सीबीआई जांच की मांग की है चार महीने बाद भी फोरेंसिक जांच रिपोर्ट नहीं आई है।

 

 विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए साफ इंकार कर दिया। विपक्ष अपनी मांग को लेकर अडा रहा । विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने व्यवस्था दी कि इस तरह से मामला नहीं उठाया जा सकता, उनकी बात को सुना जा सकता है। लेकिन कांग्रेसी विधायकों को पहले मेरे चेंबर में आकर के चर्चा करनी चाहिए थी। लेकिन कांग्रेस विधायक इस बात से संतुष्ट नहीं हुए। सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस तरह से सदन में कागज नहीं लहराए जा सकते। 

 

सदन में बढ़ते हंगामे के बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उठे और उन्होंने कहा कि रामस्वरूप भाजपा के सांसद थे। उनकी मौत का भाजपा को नुकसान हुआ है। लेकिन रामस्वरूप की मौत दिल्ली में हुई है। वह दिल्ली के क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है। रामस्वरूप का परिवार मुझसे भी मिला है, लेकिन उन्होंने जांच की मांग नहीं किया। समाचार पत्रों में जरूर इस बात की मांग उठी है।  लिहाजा हिमाचल सरकार के अधीन यह मामला नहीं आता। विपक्षी सदस्य  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उसके बाद सदन में खड़े होकर चर्चा करने की मांग उठाने लगे।

 

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सीट ने कहा कि 18 लाख  लोगों को प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद की मौत की जांच होना चाहिए।  मुकेश अग्निहोत्री ने सांसद की मौत पर सीबीआई जांच कराने की मांग उठाते हुए सलाह दी कि मुख्यमंत्री पत्र लिखकर सीबीआई की जांच की मांग करनी चाहिये इस पर कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते वेल में आ गये। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से विस्तृत जवाब आ गया है। ऐसे में कोई औचित्य नहीं रह जाता है।  विधानसभा अध्यक्ष रामस्वरूप विपिन सिंह परमार ने नियम 67 के बारे में बताते रहे और कहा कि मामले को नियम 67  के तहत नहीं उठाया जा सकता। इसलिए इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। विपक्षी सदस्य सदन में नारेबाजी करने लगे। सदन के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इसके उपरांत विपक्ष का वॉकआउट कर दिया। 

 

 विधान सभा अध्यक्ष  विपिन सिंह परमार अपने कार्यालय कक्ष में सत्र आरम्भ होने से पूर्व कार्य सलाहाकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए। बैठक में माननीय संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाजए उपाध्यक्ष डॉ0 हंस राजए मुख्य सचेतकए  बिक्रम सिंह जरयालए उप मुख्य सचेतक श्रीमती कमलेश कुमारी तथा माननीय सदस्य डॉ0 राजीव बिन्दल भाग लेते हुए।



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