By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 24, 2020
पटना। बिहार विधान परिषद की नौ सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तीन उम्मीदवारों ने बुधवार को अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की मौजूदगी में राजद उम्मीदवार मोहम्मद फारूक उर्फ फारूक शेख, रामबली सिंह चंद्रवंशी और सुनील कुमार सिंह ने विधानसभा सचिवालय में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। राजद ने नामांकन दाखिल करने से पहले अपने उम्मीदवारों के नाम मीडिया के साथ साझा करने से परहेज किया। नामांकन दाखिल करने की औपचारिकताएं समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि कल के घटनाक्रम से नीतीश कुमार को फायदा हो सकता है, लेकिन बिहार के लोगों को इस तरह की साजिशों से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य में स्वास्थ्य संकट और दो महीने से अधिक लंबे लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक संकट की ओर इशारा करते हुए तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश इस चुनौती का सामना करने में विफल रहे हैं। राजद नेता ने दावा किया कि बिहार के लोग उनके साथ हैं और वे सत्तारूढ़ राजग को करारा जवाब देंगे। बिहार विधान परिषद की इन सीटों के चुनाव के मद्देनजर राजद संसदीय बोर्ड ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा को लेकर चारा घोटाला मामले में रांची में सजा काट रहे पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद को अधिकृत किया था। राजद का यह चयन मुसलमानों, गैर-यादव ओबीसी और उच्च जातियों का विश्वास जीतने के उद्देश्य को प्रतिबिंबित करता है। राजपूत उच्च जाति के सुनील कुमार सिंह बिहार में सहकारी आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में बिस्कोमान (बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ) के प्रमुख हैं।
बिहार के शिवहर जिला निवासी मोहम्मद फारूक का मुंबई में रियल एस्टेट का व्यवसाय है। बिहार नेशनल कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रामबली सिंह चंद्रवंशी राजद में शामिल होने से पहले कई दलों में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। फारूक और चंद्रवंशी के नामांकन ने भाजपा को राजद पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि चंद्रवंशी पर एक छात्र के साथ कथित यौन उत्पीडन को लेकर इस साल मार्च में मामला दर्ज हुआ था। आनंद ने फारूक पर हवाला कारोबाी होने का आरोप लगाते हुए कहा दो साल उन्हें ईडी ने धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था जिसमें 2253 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी।