भोपाल। मध्य प्रदेश में मुरैना जिले की पहचान बागी पान सिंह तोमर से है। बताया जाता है कि अकेले फौजी ने सिस्टम की तानाशाही और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाई थी और बागी बन गए थे। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान सामने आया है।
दरअसल जिले के एक रिटायर्ड फौजी ने ग्वालियर कलेक्टर को फिर से यही चेतावनी दी है। फौजी ने कहा है कि सिस्टम के माफिया और पुलिस वाले अब मुझे पान सिंह तोमर बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
वहीं इस रिटायर्ड फौजी की इस बात को सुन कलेक्टर के भी कुछ समय के लिए होश फाख्ता हो गए। जिसके बाद उन्होंने तत्काल क्षेत्रीय एसडीएम को मामले की पूरी जांच के आदेश दिए। और साथ ही दोषियों को उनके चैंबर में भी हाजिर करवाने के आदेश दिए।
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इतना ही नहीं मामले पर कलेक्टर साहब इस कदर एक्शन में आए कि उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिए कि आने वाले 2 दिन के अंदर फौजी साहब को उनके प्लॉट पर उनका कब्जा जरुर से दिलाया जाए।
जानकारी के अनुसार ग्वालियर के लाल टिपारा गौशाला के पास रहने वाले रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी अनसुनी गुहार लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अपने शिकायती आवेदन में कलेक्टर को कहा कि, उन्होंने साल 2011 में साई नगर में एक प्लॉट खरीदा था। इसका विक्रय अरविंद गुर्जर, भूपेंद्र बघेल और जसवंत सिंह के माध्यम से हुआ था। और घर वापिस आने के बाद उन्होंने अपना घर बनाना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि घर का काम शुरू करने जब रघुनाथ सिंह तोमर प्लॉट पर पहुंचे तो पाया कि वहां पर माफिया और दबंगों ने अपना कब्जा कर लिया है। यह कब्जा भी प्लॉट बेचने वाले अरविंद जसवंत और भूपेंद्र के इशारे पर ही होने का उन्होंने संगीन आरोप लगाया है।
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वहीं रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर ने कहा कि बदमाशों ने उस प्लॉट को अब कई बार रीसेल करते हुए बेच भी दिया है। इसकी वजह से जब भी वह अपने प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए पहुंचते तो उन्हें जान से मारने की धमकी और मारपीट पर वहां मौजूद उतारू हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर थाने से लेकर प्रशासन तक शिकायती आवेदन दिया है। लेकिन कोई कार्रवाही नहीं हो रही है। ऐसे में उन्हें अब पान सिंह तोमर की तरह बागी होने पर मजबूर किया जा रहा है। यदि अब उन्हें प्रशासन और पुलिस से मदद नहीं मिलती है तो वह निश्चित रूप से बंदूक उठाने को मजबूर हो जाएंगे।