By Anoop Prajapati | Oct 08, 2024
महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा के अंतर्गत आने वाली बडनेरा विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक रवि गंगाधर राणा को देश में सबसे मजबूत निर्दलीय राजनेताओं में एक माना जाता है। राणा लगातार 3 चुनाव से बडनेरा से विधायक चुने जा रहे हैं। उनका प्रभाव बडनेरा के साथ-साथ पूरी लोकसभा सीट पर भी समझा जाता है। जिसकी बदौलत उनकी पत्नि नवनीत राणा ने भी 2019 का लोकसभा चुनाव बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीता था। हालांकि, 2024 के चुनाव में नवनीत बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गई हैं। 2022 में इस पति-पत्नि की जोड़ी ने राज्य की राजनीति के केंद्र मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करते विवाद छेड़ दिया था।
रवि गंगाधर राणा का जन्म गंगाधर नारायण राणा के घर हुआ था। उन्होंने 1996 में एसएससी और 1998 में अमरावती बोर्ड से एचएससी पूरी की। वे अमरावती कॉलेज से 2000 में वाणिज्य स्नातक की डिग्री के साथ स्नातक हैं। उन्होंने सामूहिक विवाह समारोह में पूर्व तेलुगु अभिनेत्री नवनीत कौर से विवाह किया। यह समारोह 3 फरवरी 2011 को कई राजनीतिक नेताओं और वीआईपी की मौजूदगी में हुआ था । महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और बाबा रामदेव उसी समारोह में नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए मौजूद रहे। बाद में नवनीत चुनाव जीतकर सांसद बने।
2011 में उन्होंने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए केंद्रीय जेल में अनिश्चितकालीन अनशन किया था। 6 अक्टूबर 2015 को राणा ने एक स्थानीय नाई की दुकान पर अतिक्रमण को रोका था। 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में उन्होंने शिवसेना उम्मीदवार प्रीति संजय बंद को 15541 वोटों से हराया और लगातार तीसरी बार विधायक बने। उसके बाद राणा ने बिना शर्त भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का वादा किया था। अप्रैल 2022 में, राणा और उनकी पत्नी नवनीत को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद के बाद मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था । बाद में उन्हें स्थानीय मजिस्ट्रेट के आदेश पर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
उन्हें हनुमान चालीसा विवाद में ₹50,000 के बांड पर जमानत दी गई और 4 मई 2022 को मामले के बारे में मीडिया से बात नहीं करने का निर्देश दिया गया। राणा ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि यदि लाभार्थी महायुति को वोट नहीं देंगे तो 1,500 रुपये मासिक सहायता वापस ले ली जाएगी। रवि राणा और नवनीत राणा दोनों ही महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके से ताल्लुक रखते हैं। रवि बडनेरा से तीन बार के निर्दलीय विधायक हैं। 38 साल की नवनीत और उनके पति युवा स्वाभिमान नाम की पार्टी चलाते हैं। अमरावती के शंकरनगर के मूल निवासी रवि राणा ने अमरावती कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल की है।
रवि राणा ने 2009, 2014 और 2019 में बडनेरा से महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव जीता था। 2014 से 2019 के बीच मुख्यमंत्री रहे और अब विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के भी वह करीब माने जाते हैं। 2019 में जब महाराष्ट्र में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, तब रवि राणा ने भाजपा के लिए निर्दलीय और छोटे दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश की थी। हालांकि, उनकी कोशिश सफल नहीं हो पाई और उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
तो वहीं, नवनीत राजनीति में आने से पहले वह अभिनेत्री थीं। 2014 में नवनीत ने एनसीपी के टिकट से अमरावती से सांसद का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 में एनसीपी की तरफ़ से उन्हें फिर से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया था।वह निर्दलीय मैदान में उतरीं और शिवसेना के दिग्गज नेता आनंद अडसुल को हराकर लोकसभा चुनाव जीता था। चुनाव के दौरान उन्हें एनसीपी और कांग्रेस का भी समर्थन मिला। नवनीत राणा की जाति को लेकर भी विवाद हो चुका है। शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने उन पर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर लोकसभा चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट जून 2021 में उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया था। दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।