By अनुराग गुप्ता | Jun 22, 2022
मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी उठापटक जारी है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद पार्टी अपने विधायकों को संभाल पाने में नाकामयाब होते हुए दिखाई दे रही है। जिसके बाद शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने विधानसभा भंग करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जारी सियासी संकट विधानसभा भंग करने की ओर बढ़ रहा है। इससे पहले उन्होंने एकनाथ शिंदे को अपना अच्छा मित्र बताया था।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट विधानसभा भंग करने की ओर बढ़ रहा है। संजय राउत के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। माना जा रहा है कि शिवसेना अपने विधायकों को एकजुट करने में कामयाब नहीं हो पाई है। इसके संकेत इस बात से भी दिखाई दे रहे हैं कि शिवसेना ने जब अपने विधायकों के एक होटल में शिफ्ट किया तो महज 10-12 विधायक ही होटल पहुंचे हैं।
इसके अलावा बीते दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जब पार्टी नेताओं और विधायकों की आपात बैठक बुलाई थी तो उसमें महज 20 विधायक ही पहुंचे थे और 35 विधायक नदारद रहे। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 55 विधायक हैं। जिनमें से आधे से ज्यादा विधायक तो उद्धव ठाकरे की बैठक में ही नहीं पहुंचे थे।
अच्छे मित्र हैं एकनाथ शिंदे
संजय राउत ने कहा था कि एकनाथ शिंदे हमारे बहुत अच्छे मित्र हैं। सालों साल से हम एक दूसरे के साथ काम कर रहे हैं। उनके लिए आसान नहीं है पार्टी छोड़ना और हमारे लिए भी आसान नहीं है उनको छोड़ना। उन्होंने कहा था कि हमारी आपस में बात हो रही है। आज सुबह मैंने एकनाथ शिंदे से एक घंटा बातचीत किया है। जो बात हुई मैंने पार्टी चीफ को बताया है। उनके साथ जो विधायक हैं, उनके साथ भी हमारी बात हो रही है। सभी शिवसेना में हैं शिवसेना में रहेंगे।
गुजरात से असम शिफ्ट किए गए विधायक
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के और निर्दलीय विधायक मिलाकर तकरीबन 40 विधायकों ने बागी तेवर अपनाया हुआ है। महाराष्ट्र विधान परिषद के नतीजे सामने आने के बाद से एकनाथ शिंदे के साथ विधायकों ने महाराष्ट्र छोड़कर गुजरात के सूरत स्थित एक रिजॉर्ट में अपना डेरा जमाना हुआ था। लेकिन हालात हाथ से निकले न इसको ध्यान में रखते हुए एकनाथ शिंदे समेत तमाम विधायक असम शिफ्ट हो गए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शिवसेना के तमाम बागी विधायक असम के रैडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं।