कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। कई दौर की बातचीत के बाद भी किसान संगठनों और सरकार के बीच रास्ता नहीं निकल पाया है। खेती के लिए गांव की ओर लौटते किसानों की खबर के बीच आज पूरे देश में रेल रोको आंदोलन किया गया। हालांकि ये कितना सफल हुआ इसके बारे में अगर उत्तर रेलवे के सीपीआरओ के बयान से समझें तो एक भी रेल को कैंसिल नहीं करना पड़ा और न ही किसी रेल को डायवर्ट किया गया। लेकिन इन सब से इतर भारतीय किसान संगठन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हरियाणा के हिसार जिले की खड़क पुनिया गांव में महापंचायत को संबोधित किया।
इस दौरान सरकार को सीधे-सीधे चेतावनी देते हुए टिकैत ने कह दिया कि किसी भी तरह का दबाव डाले जाने पर अपनी फसल को आग के हवाले कर देंगे। टिकैत ने कहा कि किसान फसल भी काटेंगे और नए कृषि कानूनों का विरोध करेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान अपनी फसल की कटाई के लिए वापस लौट जाएंगे। यदि इसके लिए जोर दिया गया तो वे अपनी फसल को जला देंगे।
गौरतलब है कि बीते दिनों दिल्ली के बाॅडर्र पर आंदोलन कर रहे किसानों के धीरे-धीरे गांव की ओर रुकसत होने की खबरें सामने आ रही थी। इसके साथ ही गाजीपुर, सिंघू बाॅडर्र पर खाली पड़े टेंटों की तस्वीर भी नजर आई थी। जिसके बाद से ही ये कहा जा रहा था कि किसान आंदोलन धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है और लोग अपने गांव लौटने लगे हैं। जिसके पीछे फसलों की कटाई को एक बार कारण भी बताया जा रहा है।