राज्यसभा चुनाव: नियमों के उल्लंघन के आरोपों पर महाराष्ट्र, हरियाणा में मतगणना रोकी गई

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 10, 2022

मुंबई/चंडीगढ़। नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर महाराष्ट्र और हरियाणा में शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव की मतगणना में देरी हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस आरोप के बाद मतगणना रोक दी गई कि सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी (एमवीए) के तीन विधायकों-कैबिनेट मंत्रियों-जितेंद्र आव्हाड (राकांपा), यशोमती ठाकुर (कांग्रेस) और शिवसेना के विधायक सुहास कांडे ने मतदान से संबंधित आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया। प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘हमने निर्वाचन आयोग के समक्ष अपील की है कि उनके (एमवीए के तीन विधायकों) वोट को अमान्य ठहराया जाए।’’ भाजपा ने आरोप लगाया कि आव्हाड और ठाकुर ने केवल मतपत्र दिखाने के बजाय अपने मतपत्र अपनी पार्टी के एजेंट को सौंप दिए, जबकि कांडे ने दो अलग-अलग एजेंट को अपना मतपत्र दिखाया। हरियाणा में भी समान कारणों से मतगणना रोक दी गई है। भाजपा और उसके समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार ने निर्वाचन आयोग से कांग्रेस के दो विधायकों के मत रद्द करने का आग्रह किया है। भाजपा प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने निर्वाचन आयोग को संदेश भेजा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस विधायकों-किरण चौधरी और बी. बी. बत्रा ने मतदान के बाद अपना मतपत्र अनधिकृत व्यक्तियों को दिखाया और यह पूरा घटनाक्रम चुनाव के उद्देश्य से लगाए गए कैमरों में कैद हो गया। सूत्रों ने चंडीगढ़ में कहा कि निर्वाचन आयोग को की गई शिकायत के मद्देनजर मतगणना रोक दी गई है। 

 

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आयोग के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। शिवसेना के नेता एवं मंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में कहा, मतगणना के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति की जरूरत है। अधिकारियों ने निर्वाचन आयोग को अनुमति के लिए एक ईमेल भेजा है। वहीं, एक संविधान विशेषज्ञ ने कहा, मतगणना तब तक शुरू नहीं की जा सकती जब तक निर्वाचन आयोग अपना फैसला नहीं दे देता क्योंकि जब तक वैध मतों की संख्या तय नहीं हो जाती, तब तक जीत का कोटा तय नहीं किया जा सकता। इस बीच, कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से हरियाणा से राज्यसभा चुनाव के नतीजे अविलंब घोषित करने का आग्रह किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से दो विधायकों के मतों को लेकर जताई गई आपत्ति सिर्फ चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने अपने उम्मीदवार अजय माकन के समर्थन में निर्वाचन आयोग का रुख किया और नतीजे घोषित करने की मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल के तहत पवन कुमार बंसल, रंजीत रंजन और विवेक तन्खा सीधे आयोग पहुंचे तथा भूपेश बघेल, पी चिदंबरम, रणदीप सुरजेवाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राजीव शुक्ला ऑनलाइन जुड़े। कांग्रेस ने अपने ज्ञापन के साथ आयोग को निर्वाचन अधिकारी का एक ‘तथ्यात्मक पत्र’ भी सौंपा और दावा किया कि अधिकारी ने उन दोनों मतों को वैध माना है जिन्हें भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने अमान्य करार देने की मांग की है। मुख्य विपक्षी दल ने आयोग से आग्रह किया कि वह निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दे कि हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के नतीजे अविलंब घोषित किए जाएं। हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन ने भी भाजपा पर निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव की प्रक्रिया में बाधा डालने के प्रयास का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि चुनाव परिणाम घोषित किया जाए। 

 

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में कांग्रेस महासचिव माकन ने यह आरोप भी लगाया कि निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा और भाजपा चुनाव प्रक्रिया में ‘‘अवांछित और अवैध हस्तक्षेप’’ कर रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार ने दावा किया कि निर्वाचन अधिकारी ने कार्तिकेय शर्मा और भाजपा की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा है कि मतपत्रों की गोपनीयता भंग नहीं हुई है। इसके साथ ही भाजपा के नेताओं ने भी निर्वाचन आयोग से संपर्क किया। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, गजेंद्र सिंह शेखावत, जितेंद्र सिंह और अर्जुन राम मेघवाल ने मतदान की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और मामले की जांच कराने के साथ ही विरोधी दलों के पांचों विधायकों के मत खारिज करने भी मांग की। आयोग को सौंपे गए एक ज्ञापन में भाजपा ने वर्ष 2017 में गुजरात के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अहमद पटेल से जुड़े एक मामले में दी गई व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि अपनी पार्टी के चुनावी एजेंट के अलावा किसी अन्य दल के एजेंट को अपना मत दिखाने से वह मत खारिज हो जाता है। ज्ञापन में कहा गया कि निर्वाचन अधिकारी ऐसे मतों को रद्द करने के नियमों से बंधे हैं, भले ही वह मत, मत पेटी में डाला गया हो। नकवी ने कहा कि भाजपा ने आयोग से आग्रह किया है कि जांच की प्रक्रिया पूरी होने तक वह मतों की गिनती पर रोक लगाए। शुक्रवार को राज्यसभा की 16 सीट के लिए मतदान हुआ जिनमें महाराष्ट्र में छह, कर्नाटक और राजस्थान में चार-चार तथा हरियाणा में दो सीट के लिए वोट डाले गए। प्रमुख उम्मीदवारों में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश और मुकुल वासनिक तथा शिवसेना के संजय राउत मैदान में हैं। इन लोगों के बिना किसी बाधा के जीतने की उम्मीद है।

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