By अंकित सिंह | Jul 26, 2023
24वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अपना सम्मान और गरिमा बनाए रखने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने के लिए तैयार है। भारतीय सेना ने 1999 में लद्दाख में महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर छिपकर कब्जा करने वाली पाकिस्तानी सेना को पीछे धकेलने के लिए एक भयंकर जवाबी हमला, ऑपरेशन विजय शुरू किया था। कारगिल विजय दिवस पाकिस्तान पर भारत की जीत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए नागरिकों से ऐसी स्थिति में सैनिकों का समर्थन करने के लिए तैयार रहने का भी आह्वान किया।
इससे पहले, उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि के सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं...अगर इसमें एलओसी पार करना शामिल है, तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं। अगर हमें उकसाया गया और जरूरत पड़ी तो हम एलओसी पार कर जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब भी युद्ध की स्थिति बनी है, हमारी जनता ने हमेशा सेनाओं का समर्थन किया है लेकिन वह समर्थन अप्रत्यक्ष रहा है। मैं जनता से आग्रह करता हूं कि जरूरत पड़ने पर युद्ध के मैदान में सीधे सैनिकों का समर्थन करने के लिए तैयार और मानसिक रूप से तैयार रहें।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हम यह जानते हैं, कि जब तक आप सीमाओं पर हमारी रक्षा कर रहे हैं, भारत की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत भी किसी के अंदर नहीं हो सकती है। सिर्फ कारगिल ही नहीं, बल्कि आज़ादी से लेकर आज तक कई बार, समय-समय पर आप लोगों के शौर्य ने देश का मस्तक ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई 1999 को, युद्ध जीतने के बाद भी हमारी सेनाओं ने अगर LoC पार नहीं किया, तो वह इसलिए, कि हम शांतिप्रिय हैं, भारतीय मूल्यों के प्रति हमारा विश्वास है, और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति हमारा प्रतिबद्धता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आज, कारगिल विजय दिवस पर मैं एक बात हमारे देशवासियों से जरूर कहना चाहूँगा। वह यह, कि राष्ट्र का मान-सम्मान और इसकी प्रतिष्ठा हमारे लिए किसी भी चीज़ से ऊपर है, और इसके लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।